Rajasthan Borewell Accident: राजस्थान के कोटपूतली बहरोड़ ज़िले में बोरवेल में गिरी लगभग तीन साल की बच्ची चेतना को बचाने के प्रयास जारी हैं. बच्ची को बोरवेल में गिरे दो दिन हो गए हैं. सोमवार (23 दिसंबर) की दोपहर को चेतना अपने घर के परिसर में ही खेलते समय एक बोरवेल में गिर गई थी. दुर्घटना की सूचना मिलते ही प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए. शाम तक जयपुर से राज्य आपदा प्रबंधन बल SDRF और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधक बल NDRF की टीमें कोटपुतली के सरुण्ड थाना क्षेत्र में कीरतपुरा गांव पहुंच गईं और इसके बाद से लगातार बच्ची को बोरवेल से निकालने के प्रयास किए जा रहे हैं. बोरवेल की चौड़ाई कम है जिससे दिक्कत आ रही है. ठंड के मौसम में नमी की वजह से भी बचाव अभियान बड़ी चुनौती बन गया है.
दूसरे दिन, मंगलवार को चेतना के बचाव अभियान की स्थिति
बच्ची को लगभग 10 फीट ऊपर खींचा गया है. हालांकि वह लगभग 150 फीट की गहराई पर अटकी हुई थी. उस हिसाब से अभी बचाव में काफी काम बचा हुआ है. बच्ची अभी 140 फीट की गहराई पर अटकी हुई है. बच्ची को बोरवेल में गिरे 24 घंटे से ज्यादा समय हो गया है. मंगलवार सुबह से कैमरे में बच्ची का कोई मूवमेंट भी नजर नहीं आया है. मंगलवार देर शाम हरियाणा से मंगवाई गई पायलिंग मशीन बोरवेल के बगल में दूसरा गड्ढा खोद रही है.
बच्ची को लगातार ऑक्सीजन सप्लाई दी जा रही है. इसके लिए घटनास्थल पर 3-4 एंबुलेंस सोमवार दोपहर से तैनात हैं. वहां डॉक्टर भी मौजूद हैं.
सीसीटीवी कैमरों की मदद से बच्ची के मूवमेंट पर नज़र रखी जा रही है. नज़र रखने के लिए एक अन्य कैमरा लगाया गया है.मिट्टी की वजह से काफी मुश्किल आ रही है जो लगातार थोड़ी-थोड़ी कर कैमरे पर गिर रही है जिससे कैमरे की विज़िबिलिटी पर असर पड़ रहा है.
Kotputli, Rajasthan: A three-year-old girl, Chetna, fell into a borewell while playing in Kotputli on Monday afternoon. CCTV footage showed her waving for help. The administration launched a rescue operation, continuing efforts late into the night. The child's cries were heard… pic.twitter.com/tbbgALw2Vo
— IANS (@ians_india) December 23, 2024
हरियाणा से मंगवाई गई पाइलिंग मशीन
घटनास्थल पर मौजूद अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक वैभव शर्मा ने बताया कि बचाव कार्य में अब पाइलिंग मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा जो हरियाणा के गुरुग्राम से मंगवाई जा रही हैं. उन्होंने कहा,"चूंकि गहराई ज़्यादा है और मिट्टी गीली है इसलिए परेशानी ज़्यादा हो रही है. हालांकि उनका निराकरण करते हुए बहुत जल्दी बच्ची को निकालने का प्रयास किया जाएगा."
इससे पहले सोमवार रात को करीब 1 बजे, रिंग रॉड और अंब्रेला तकनीक की मदद से देसी जुगाड़ कर बच्ची को बाहर निकालने का प्रयास किया गया जिसमें कामयाबी नहीं मिल सकी. NDRF के सीनियर कमांडेंट योगेश मीणा ने बताया कि बोरवेल में बच्ची को निकालने के लिए डाला गया रिंग उसके कपड़ों में फंसा गया जिसके बाद उसे बाहर निकालने का प्रयास किया गया लेकिन इसमें सफलता नहीं मिल पाई.
ये भी पढें-:
चेतना को बोरवेल से निकालने की मुहिम, देसी जुगाड़ से रेस्क्यू