विज्ञापन
Story ProgressBack

Rajasthan Politics: मानवेंद्र जसोल की BJP में वापसी से क्या बदल जाएंगे पश्चिमी राजस्थान की सीटों के सियासी समीकरण?

Lok Sabha Elections 2024: सियासी जानकार मानते हैं कि जसोल परिवार की प्रतिष्ठा आज भी पश्चिमी राजस्थान में कायम है. जातीय और सामाजिक तौर पर एक बड़ा वोट बैंक है जो इस परिवार से आज भी जुड़ा हुआ है. खास तौर पर राजपूत समाज के लोग ये मानते हैं कि कांग्रेस में जाना मानवेंद्र सिंह की मजबूरी थी, लेकिन कांग्रेस में उनके साथ सही बर्ताव नहीं हुआ.

Rajasthan Politics: मानवेंद्र जसोल की BJP में वापसी से क्या बदल जाएंगे पश्चिमी राजस्थान की सीटों के सियासी समीकरण?
मानवेंद्र सिंह.

Rajasthan News: पश्चिमी राजस्थान से निकलकर देश की सियासत में अपनी खास पहचान बनाने वाले भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कद्दावर नेता जसवंत सिंह (Jaswant Singh) के पुत्र मानवेंद्र सिंह (Manvendra Singh) की आखिरकार 5 साल बाद बीजेपी में वापसी हो रही है. आज बाड़मेर में PM मोदी की सभा में बड़ी तादाद में अपने कार्यकर्ताओं के साथ मानवेंद्र सिंह जसोल भाजपा में शामिल होंगे. पीएम मोदी ने कल अपनी सभा में जसवंत सिंह को खास अंदाज में याद कर इसके संकेत दे दिए थे.

अप्रैल के महीने में राजस्थान के बदलते मौसम और मारवाड़ की सियासी तपिश के बीच मानवेंद्र सिंह की भाजपा में वापसी कई लिहाज से बेहद अहम मानी जा रही है. खासतौर पर मानवेंद्र सिंह ऐसे समय में भाजपा में वापसी कर रहे हैं, जब पश्चिमी राजस्थान में भाजपा को जातीय समीकरणों के साधने के लिए एक राजपूत नेता के तौर पर उनकी जरूरत है. मानवेंद्र सिंह की भाजपा में वापसी की खबर के साथ ही इस बात को लेकर चर्चा तेज हो गई है कि क्या इससे पश्चिमी राजस्थान में भाजपा का बिगड़ा हुआ चुनावी गणित सुधर पाएगा? क्या मानवेंद्र सिंह बाड़मेर-जैसलमेर लोक सभा सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार उम्मेदाराम बेनीवाल और निर्दलीय रविंद्र सिंह भाटी के साथ त्रिकोणीय मुकाबले में फंसे भाजपा उम्मीदवार कैलाश चौधरी को जीत की दहलीज तक पहुंचा सकेंगे?

जसोल परिवार के पास बड़ा वोट बैंक

सियासी जानकार मानते हैं कि जसोल परिवार की प्रतिष्ठा आज भी पश्चिमी राजस्थान में कायम है. जातीय और सामाजिक तौर पर एक बड़ा वोट बैंक है जो इस परिवार से आज भी जुड़ा हुआ है. खास तौर पर राजपूत समाज के लोग ये मानते हैं कि कांग्रेस में जाना मानवेंद्र सिंह की मजबूरी थी, लेकिन कांग्रेस में उनके साथ सही बर्ताव नहीं हुआ. उन्हें जानबूझकर पहले लोकसभा और बाद में विधानसभा में मुश्किल सीटों पर चुनाव लड़ाया गया. इस लिहाज से भाजपा जो कि उनका पुराना घर है (जिस पार्टी को बनाने में उनके पिता का योगदान है) में फिर से शामिल होना सही फैसला है.

हाल ही में सड़क हादसे में पत्नी को खोया

मानवेंद्र सिंह एक राजनीतिक परिवार से आते हैं. पिता जसवंत सिंह देश की राजनीति का बड़ा चेहरा थे. मानवेंद्र सिंह ने बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से 1999 में पहला लोकसभा चुनाव लड़ा था. कांग्रेस के सोनाराम चौधरी से हार गये. 2004 के चुनावों में मानवेंद्र सिंह ने सोनाराम चौधरी को बड़े अंतर से हराकर खुद को सियासी तौर और साबित किया. हालांकि 2009 में उन्हें कांग्रेस के हरीश चौधरी के सामने हार का सामना करना पड़ा. 2013 के विधानसभा चुनावों में शिव विधानसभा सीट से जीते, लेकिन विपरीत हालातों में विधायक रहते हुए वर्ष 2018 में भाजपा छोड़नी पड़ी और कांग्रेस में शामिल हो गये. 2108 में कांग्रेस के टिकट पर झालरापाटन से वसुंधरा राजे के खिलाफ चुनाव लड़ा, लेकिन करारी शिकस्त झेलनी पड़ी. इसके बाद 2019 में बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा, लेकिन जीत नहीं पाए. 2023 के विधानसभा चुनाव में शिव से चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन कांग्रेस में सिवाना से टिकट दिया. कांग्रेस के आंतरिक गुटबाजी के चलते इस चुनाव में भी पराजय का सामना करना पड़ा. हाल ही में एक सड़क दुर्घटना में अपनी पत्नी को खोने के बाद मानवेंद्र सिंह जसोल पर सामाजिक दबाव था कि वे भाजपा में शामिल होकर फिर से सियासी पारी शुरू करें.

बीजेपी के गले की फांस बना मुकाबला

दरअसल, इस बार भाजपा के लिए बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट पर चुनावी मुकाबला गले की फांस बन चुका है. बीजेपी ने कैलाश चौधरी का टिकट रिपीट किया है, वहीं कांग्रेस ने आरएलपी से आए उम्मेदाराम बेनीवाल को मैदान में उतारा है. लेकिन निर्दलीय उम्मीदवार शिव विधायक रवींद्र सिंह भाटी ने ताल ठोक भाजपा का समीकरण बिगाड़ दिया है. इस सीट पर जाट-राजपूत जातीय समीकरणों के साथ ओबीसी की कई जातियां, अल्पसंख्यक और युवा-महिला मतदाता अहम भूमिका में हैं. सियासी पंडित ये भी मानते हैं कि मानवेंद्र सिंह के भाजपा में आने से बाड़मेर जैसलमेर जोधपुर लोकसभा सीट सहित कई सीटों पर भी असर पड़ेगा.

ये भी पढ़ें:- परंपरा बरकरार रखेंगे PM Modi, दौसा में आज 2 मिनट के लिए रुकेगा रोड शो 

Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
डार्क मोड/लाइट मोड पर जाएं
Our Offerings: NDTV
  • मध्य प्रदेश
  • राजस्थान
  • इंडिया
  • मराठी
  • 24X7
Choose Your Destination
Previous Article
Rajasthan Agniveer Reservation: राजस्थान सरकार का अग्निवीरों को बड़ा तोहफा, पुलिस-जेल प्रहरी-वनरक्षक भर्ती में मिलेगा आरक्षण
Rajasthan Politics: मानवेंद्र जसोल की BJP में वापसी से क्या बदल जाएंगे पश्चिमी राजस्थान की सीटों के सियासी समीकरण?
Medical colleges Teachers announced to go on mass leave, made serious allegations against the government
Next Article
Rajasthan News: मेडिकल कॉलेजों के शिक्षकों ने सामूहिक अवकाश पर जाने की घोषणा की, सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
Close
;