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This Article is From Apr 11, 2024

जोधपुर में स्थानीय बनाम बाहरी का मुद्दा बिगाड़ेगा समीकरण? शेखावत और करण सिंह के बयानों से चढ़ा सियासी पारा

दोनों ही प्रत्याशियों के नामांकन दाखिल होने के बाद से ही उनके प्रचार प्रसार और बयानों में भी खासी तेजी देखी जा रही है. इस बार भाजपा जहां अपनी जीत हैट्रिक बनाने में जुटी है तो वहीं कांग्रेस जोधपुर लोकसभा क्षेत्र से अपनी जीत का दावा कर रही है.

जोधपुर में स्थानीय बनाम बाहरी का मुद्दा बिगाड़ेगा समीकरण? शेखावत और करण सिंह के बयानों से चढ़ा सियासी पारा
करण सिंह और गजेंद्र सिंह शेखावत (फाइल फोटो)

लोकसभा चुनाव 2024: भाजपा देश भर 400 पार का मिशन लेकर ताबड़तोड़ प्रचार प्रसार में जुटी है. वहीं इस बार पूरे देश की निगाहें भी राजस्थान की 25 लोकसभा की सीटों में से एक जोधपुर की हॉट सीट पर भी टिकी है. जोधपुर लोकसभा से भारतीय जनता पार्टी ने तीसरी बार केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को चुनावी मैदान में उतारा है. वहीं कांग्रेस ने भी इस बार राजपूत समाज से आने वाले करण सिंह उचियारड़ा को चुनावी मैदान में उतार कर मुकाबले को और रोचक बना दिया है.

दोनों ही प्रत्याशी इन दिनों अपने चुनावी कैंपेनिंग में तीखे बयानों को लेकर भी सुर्खियां बटोर रहे हैं. कांग्रेस के प्रत्याशी करण सिंह उचियारड़ा जहां गजेंद्र सिंह शेखावत को बाहरी बता रहे हैं तो वहीं भाजपा प्रत्याशी गजेंद्र सिंह शेखावत विकास के मुद्दे पर अपनी चुनावी कैंपेनिंग कर रहे है. दोनों ही प्रत्याशियों में बाहरी बनाम स्थानीय का मुद्दा इस बार के लोकसभा चुनाव में कहीं समीकरणों को बिगाड़ भी सकता है.

व्यापारी वर्ग के बड़े मुद्दे

इस बार के लोकसभा चुनाव में मुख्य रूप से जीत और हार में निर्णायक भूमिका निभाने वाला व्यापारी वर्ग भी MSME में पंजीकृत व्यापारियों को राहत प्रदान करने के साथ ही सरलीकरण के मुद्दे को लेकर लामबद्ध हो चुका है. भीतरी शहर के व्यापारियों का कहना है कि पिछले कई समय से MSME के नियमों में बदलाव की मांग उठाई जा रही है. लेकिन इसमें किसी प्रकार का बदलाव नहीं हुआ, जिससे लंबे समय से व्यापारियों को काफी आर्थिक नुकसान भी झेलना पड़ रहा है. इसके साथ ही GST में भी छूट देने की मांग भी इस बार के लोकसभा चुनाव में यह एक बड़ा मुद्दा रहेगा.

गठबंधन कांग्रेस को दिला सकता है फायदा

राजस्थान की 25 लोकसभा की सीटों पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी और कांग्रेस के बीच हुए गठबंधन का लाभ इन सभी 25 सीटों पर भी मिल सकता है. बात करें अगर जोधपुर लोकसभा क्षेत्र की तो कुल 8 विधानसभा की सीटों में से 7 सीटों पर जहां भाजपा को जीत मिली थी, वहीं 1 सीट सरदारपुरा से कांग्रेस के पूर्व सीएम अशोक गहलोत को जीत मिली थी. लेकिन लोकसभा के चुनाव में कांग्रेस और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के बीच में हुए गठबंधन से शहरी क्षेत्र कि सीटों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र की अधिकांश सीटों पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी का अच्छा वर्चस्व भी है. जिसका सीधा फायदा कांग्रेस को भी मिल सकता है.

नए यूथ वोटर्स का मत होगा निर्णायक

इस बार के लोकसभा चुनाव में जोधपुर लोकसभा सीट पर 1.70 लाख से अधिक नए मतदाता बढ़े हैं, जो जीत और हर के लिए महत्वपूर्ण निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं. वहीं दोनों ही प्रत्याशी इन दिनों अपने प्रचार-प्रसार में इन नए वोटर्स को रिझाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. इस बार जोधपुर लोकसभा सीट पर 18 से 19 वर्ष के 60 हजार 396 मतदाता हैं. वहीं 20 से 29 वर्ष के 5 लाख 9 हजार 139 मतदाता हैं, जहां कुल 21 लाख 38 हजार 241 मतदाताओं में से 5 लाख 69 हजार 535 युवा मतदाता हैं.

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