Rajasthan News: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा (Bhajan Lal Sharma) गुरुवार दोपहर 2 बजे सीएम हाउस से मां वाउचर योजना (Maa Voucher Yojana) का शुभारंभ करेंगे. इस योजना के तहत दूर दराज और ग्रामीण क्षेत्रों में भी गर्भवती महिलाओं को नि:शुल्क सोनोग्राफी (Free Sonography in Rajasthan) की सुविधा का लाभ मिल सकेगा. पूर्व में 8 मार्च 2024 को इस योजना की शुरुआत पायलट प्रोजेक्ट के रूप में सिर्फ तीन जिलों-बारां, भरतपुर फलौदी में की गई थी, जो कारगर कदम साबित हुई. इसीलिए आज इस योजना को संपूर्ण प्रदेश में लागू किया जा रहा है.
कैसे मिलेगा मां वाउचर योजना का लाभ?
चिकित्सा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह ने बताया कि इस योजना के माध्यम से राजकीय सोनोग्राफी केंद्रों के साथ-साथ निजी सोनोग्राफी केंद्रों पर भी निःशुल्क सोनोग्राफी सेवाओं का लाभ मिल सकेगा. गर्भवती महिलाओं को उनके मोबाइल नंबर पर SMS द्वारा QR कोड आधारित ई-वाउचर मिलेगा. उस वाउचर को देकर किसी भी सूचीबद्ध निजी सेंटर में वे निःशुल्क सोनोग्राफी करा सकेंगी. बीते दिनों राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने विधानसभा में बताया था कि हर गर्भवती महिला को एक वाउचर दिया जाएगा. लेकिन अगर डॉक्टर को लगता है कि डिलीवरी से पहले दूसरे सोनोग्राफी की जरूरत है, तो उनकी रिकमेंडेशन पर दूसरा वाउचर भी फ्री उपलब्ध कराया जाएगा.
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— Gajendra Singh Khimsar (@GajendraKhimsar) July 23, 2024
वाउचर जारी होने के बाद 60 दिन में टेस्ट जरूरी
जानकारी के अनुसार, 84 दिन या उससे अधिक दिन की गर्भवती महिलाएं इस योजना के तहत फ्री सोनोग्राफी करवा सकती हैं. योजना का लाभ लेने के गर्भवती महिला को अपना जन आधार कार्ड और मोबाइल फोन लेकर चिकित्सा संस्थान पर जाना होगा. वहां ओटीपी के माध्यम से उन्हें SMS पर QR वाउचर जारी किया जाएगा, जिसकी वैधता 30 दिन की होगी. अगर किसी वजह से तय समय में महिला सोनोग्राफी नहीं करा पाती हैं तो वह दोबारा चिकित्सा संस्थान पर जाकर उसकी अवधि 30 दिन तक के लिए और बढ़ा सकती हैं. ऐसा सिर्फ वो एक ही बार कर सकेंगी.
सोनोग्राफी कराना क्यों जरूरी है?
अल्ट्रासाउंड या सोनोग्राफी इसलिए कराई जाती है ताकि गर्भावस्था के दौरान भ्रूण की वृद्धि और विकास को देखा जा सके. इससे यह सुनिश्चित होता है कि प्रेगनेंसी सामान्य रूप से आगे बढ़ रही है. इस टेस्ट की मदद प्रेगनेंसी के दौरान एब्नार्मेलिटीज, अबॉर्शन या मल्टीपल प्रेगनेंसी का पता लगा सकते हैं. इसके साथ ही बच्चे के जन्म की फिक्स तारीख भी पता कर सकते हैं. सामान्य तौर पर गर्भवती महिलाएं 2 से 3 बार सोनोग्राफी करवाती हैं. पहला टेस्ट 6-12 सप्ताह के बीच किया जाता है. जबकि दूसरा टेस्ट 13-26 सप्ताह कराया जाता है.
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