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राजस्थान में फर्जी रिटायर्ड सैनिकों के बड़े रैकेट का किया भांडा फोड़, FCI में कर रहे थे गार्ड की नौकरी

भारतीय सेना के पूर्व सैनिक बनकर प्रतिष्ठानों की सुरक्षा में सिक्योरिटी गार्ड लगाने के नाम पर चल रहे बड़े खेल का पर्दाफाश करते हुए राजस्थान एटीएस ने 28 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

राजस्थान में फर्जी रिटायर्ड सैनिकों के बड़े रैकेट का किया भांडा फोड़, FCI में कर रहे थे गार्ड की नौकरी
फर्जी रिटायर्ड सैनिक पकड़े गए

Rajasthan News: राजस्थान में 28 फर्जी रिटायर्ड आर्मी के सिपाही पकड़े गए हैं. जो फर्जी दस्तावेज़ों के आधार पर FCI के अलग-अलग गोडाउन और कारखानों में गार्ड के रूप में तैनात थे. राजस्थान पुलिस ने इस कार्रवाई को लेकर'ऑपरेशन  स्क्वेयर पिरामिड' के नाम से अभियान चलाया गया जिसमें 28 फर्जी पूर्व सैनिकों को पकड़ी गया है. ये लोग पूर्व सैनिक बनकर सिक्योरिटी एजेंसी में नौकरी कर रहे थे और इन्हें एक साथ पकड़ने के लिए ATS ने मॉकड्रिल का आयोजन किया. तब जाकर सभी को एक साथ पकड़ा जा सका है.

गिरफ्तारी के लिए मौक ड्रिल

पुलिस ने बताया कि अगर हम इन्हें अलग-अलग तरीके से पकड़ते तो ये भाग जाते, इसलिए हमने मौक ड्रिल का ऐलान किया. सबको एक साथ एक जगह इकट्ठा किया इनके उपकरण देखे, इनका रिस्पांस टाइम देखा और साथ  ही इनके दस्तावेज़ मांगे गए. दस्तावेज़ों  को हमारी टीम कंप्यूटर कक्ष में बैठ के जांच रही थी, साथ में आर्मी पर्सनेल भी थी जो चेक कर रहे थे कि कौन सा सही है कौन सा गलत. इसके बाद हमने मौके पर ही उन्हें दबोचा.

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FCI दफ्तर पर छापेमारी

भारतीय सेना के पूर्व सैनिक बनकर प्रतिष्ठानों की सुरक्षा में सिक्योरिटी गार्ड लगाने के नाम पर चल रहे बड़े खेल का पर्दाफाश करते हुए राजस्थान एटीएस ने 28 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. ये सभी आरोपी फर्जी दस्तावेजों के जरिए सुरक्षाकर्मी के रूप में नौकरी कर रहे थे. एटीएस की जांच में पाया गया कि इनकी नियुक्ति सुरक्षा एजेंसियों के जरिए की गई थी और सभी के दस्तावेज नकली थे. FCI के दफ्तरों में छापेमारी करके इस पूरे खेल का खुलासा किया गया है. ATS और ANTF ने 31 जगह छापेमारी की तब जाकर इन आरोपियों के बारे में पता चल पाया.

आपको बता दें कि ये प्लानिंग ऑपरेशन सिंदूर के बाद ही की गई थी. जिसे अब अंजाम दिया गया.

डिस्चार्ज सर्टिफिकेट फर्जी , एक्स आर्मी मैन का कार्ड फर्जी , यहां तक की पेंशन सर्टिफिकेट भी फर्जी बनाया गया. सूत्रों से हमें पता चला है की एक एक्स आर्मी वाला ये फर्जी दस्तावेज़ तैयार कर रहा था. इसके बाद इनको सिक्योरिटी एजेंसी में दाखिला मिल रहा था. ये सिक्योरिटी एजेंसी एक्स फौजी चला रहे है, ये सेना और एक्स फौजियों की छवि से खिलवाड़ हैं. यह जो फर्जी सैनिक वाले बने हैं असल में यह उन सैनिकों की जगह ले रहे हैं. जो सेना से रिटायर्ड होने के बाद सरकारी नौकरी में कुछ प्रतिशत नौकरियों के लिए आरक्षित रखती है.

IG ATS विकास कुमार ने दी जानकारी   

आईजी विकास कुमार ने बताया कि एटीएस को सूचना मिली थी कि एफसीआई में कई सुरक्षा गार्ड्स फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी कर रहे हैं. इसके बाद राजस्थान में एक साथ 31 ठिकानों पर कार्रवाई की गई. आतंकी हमले से बचाव की ड्रिल के नाम पर सभी सिक्योरिटी गार्ड्स को एक जगह बुलाया गया. वहां अनुभव और प्रमाणिकता की जांच के बहाने दस्तावेज इकट्ठा किए गए. जांच में दस्तावेज फर्जी पाए जाने पर 28 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. फिलहाल इस मामले की गहनता से जांच की जा रही है और ऐसी उम्मीद है कि आरोपियों से पूछताछ में कई बड़े खुलासे हो सकते हैं.

विकास कुमार ने कहा इनको पकड़ना तो छोटी बात है. लेकिन फर्जी रैकेट को कौन चला रहा और सेना के दस्तावेजों को बनाने का इतना बड़ा खेल कैसे और कौन चला रहा है. कौन-कौन इसमें मिले हैं. उनको पकड़ना और जांच अहम होगा.

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