
Rajasthan News: रेलवे भर्ती में फर्जीवाड़े का सनसनीखेज मामला सामने आने से हड़कंप मच गया है. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की जयपुर इकाई ने नागौर में डेरा डाला है. जांच का केंद्र है राजेंद्र कुमार मीणा, जिसने डमी कैंडिडेट के जरिए रेलवे में नौकरी हासिल की. सीबीआई ने इस मामले में नागौर जिले के करीब 40 लोगों को व्हाट्सएप के जरिए नोटिस भेजकर सर्किट हाउस बुलाया और पूछताछ शुरू की.
जानें क्या है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार, 2013 की रेलवे भर्ती परीक्षा में राजेंद्र मीणा की जगह डमी कैंडिडेट मनीष मीणा ने परीक्षा दी. मनीष दौसा जिले के महुआ तहसील के बोरखेड़ा गांव का रहने वाला है. इस फर्जीवाड़े के बाद राजेंद्र को ग्रुप डी में नौकरी मिली और वह वेस्ट सेंट्रल रेलवे के कोटा मंडल में गुड्स गार्ड बन गया. कई साल तक वह नौकरी करता रहा. लेकिन सीबीआई की जांच में घोटाला पकड़ा गया. 12 जून को सीबीआई ने इस मामले में केस दर्ज किया और जांच तेज कर दी.
सीबीआई की कार्रवाई
सीबीआई के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अशिष रस्तोगी की अगुवाई में टीम ने राजेंद्र मीणा के वित्तीय लेन-देन की जांच शुरू की. 40 लोगों से उनके बैंक खातों और राजेंद्र के साथ लेन-देन के बारे में पूछताछ की गई. नोटिस में साफ लिखा है कि राजेंद्र के साथ किए गए वित्तीय लेन-देन का स्पष्टीकरण देना होगा. जांच में दोषी पाए जाने पर रेलवे ने राजेंद्र को पहले निलंबित किया और फिर 30 जून को सेवा से बर्खास्त कर दिया. कोटा के सीनियर डीसीएम सौरभ जैन ने इसकी पुष्टि की.
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