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मल्लिकार्जुन खरगे ने जाति जनगणना पर पीएम मोदी को लिखा पत्र, तेलंगाना मॉडल अपनाने जैसे दिए 3 सुझाव

Kharge Letter to PM Modi: खरगे ने लिखा- 'मुझे विश्वास है कि मेरे सुझावों पर आप गंभीरता से विचार करेंगे. मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि जल्द ही सभी राजनीतिक दलों के साथ जाति जनगणना के मुद्दे पर चर्चा करें.'

मल्लिकार्जुन खरगे ने जाति जनगणना पर पीएम मोदी को लिखा पत्र, तेलंगाना मॉडल अपनाने जैसे दिए 3 सुझाव
मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर जाति जनगणना पर 3 सुझाव दिए हैं. (फाइल फोटो)

Rajasthan News: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge) ने मंगलवार को जाति जनगणना (Caste Census) को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) को एक पत्र लिखा है. उन्होंने अपने पत्र के जरिए पीएम मोदी को कुछ सुझाव भी दिए हैं. खरगे ने अपने एक्स अकाउंट पर लेटर शेयर करते हुए लिखा, 'मैंने 16 अप्रैल 2023 को आपको पत्र लिखकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की जाति जनगणना की मांग को आगे बढ़ाया था. अफसोस की बात है कि मुझे इस पत्र का कोई जवाब नहीं मिला.'

खरगे ने दिए 3 सुझाव

खरगे ने आगे लिखा, 'दुर्भाग्य से, आपकी पार्टी के नेताओं और आपने इस वैध मांग को उठाने के लिए कांग्रेस और उसके नेतृत्व पर हमला किया, जिसे आप आज स्वीकार करते हैं कि यह गहरे सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण के हित में है. आपने अब घोषणा की है कि अगली जनगणना (जो 2021 में होनी थी) में जाति को एक अलग श्रेणी के रूप में शामिल किया जाएगा, लेकिन इसके विवरण नहीं दिए. मेरे पास आपके विचार के लिए तीन सुझाव हैं.'

  1. जनगणना से संबंधित प्रश्नावली का डिजाइन ऐसा रखा जाए कि केवल गिनती नहीं बल्कि व्यापक सामाजिक आर्थिक आंकड़े जुटाए जा सकें. गृह मंत्रालय को तेलंगाना मॉडल से प्रेरणा लेनी चाहिए. तेलंगाना मॉडल का उपयोग कारण चाहिए.
  2. सभी राज्यों के द्वारा पारित आरक्षण संबंधित कानूनों को 9वीं अनुसूची में रखा जाए और ओबीसी, एससी और एसटी के आरक्षण पर लगाई गई 50 फ़ीसदी की सीमा हटाने के लिए संविधान संशोधन किया जाए.
  3. संविधान के अनुच्छेद 15 (5) के तहत निजी शिक्षण संस्थानों में एडमिशन के लिए आरक्षण सुनिश्चित किया जाए.

'जरूरत पड़ने पर एकजुट हुए'

खरगे ने अपने पत्र में यह भी कहा, 'जाति जनगणना जैसी कोई भी प्रक्रिया जो हमारे समाज के पिछड़े, उत्पीड़ित और हाशिए पर पड़े वर्गों को उनके अधिकार प्रदान करती है, उसे किसी भी तरह से विभाजनकारी नहीं माना जा सकता और न ही माना जाना चाहिए. हमारा महान राष्ट्र और हमारे बड़े दिल वाले लोग हमेशा जरूरत पड़ने पर एकजुट हुए हैं, जैसा कि हमने हाल ही में पहलगाम में हुए कायरतापूर्ण आतंकवादी हमलों के बाद किया है.'

'सभी राजनीतिक दलों के साथ चर्चा करें'

खरगे ने आगे कहा, 'कांग्रेस का मानना है कि हमारे संविधान की प्रस्तावना में दिए गए सामाजिक और आर्थिक न्याय तथा स्थिति और अवसर की समानता सुनिश्चित करने के लिए ऊपर बताए गए व्यापक तरीके से जाति जनगणना कराना अत्यंत आवश्यक है. मुझे विश्वास है कि मेरे सुझावों पर आप गंभीरता से विचार करेंगे. मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि जल्द ही सभी राजनीतिक दलों के साथ जाति जनगणना के मुद्दे पर चर्चा करें.'

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