Martyr Faiz Mohammad Murder Case: साल 2014 के डीडवाना जिले के कुचामन थाने के बहुचर्चित शहीद हेड कांस्टेबल फैज मोहम्मद हत्याकांड मामले में लगभग 10 साल बाद फैसला आया है. कुचामन के अपर जिला और सेशन न्यायाधीश सुंदरलाल खारोल ने आज जो फैसला दिया, उसके मुताबिक आरोपी गैंगस्टर विजेंद्र इंडाली और मदन सिंह को उम्र कैद और एक-एक लाख रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है. वही मामले में तीसरी आरोपी दौलत बानो को बरी किया गया है.
अपर लोक अभियोजक एडवोकेट दौलत खान ने बताया की विजेंद्र इंडाली और मदन सिंह बिन्जासी को आईपीसी की धारा 302 में आजीवन कारावास और 1-1 लाख रुपये का जुर्माना , धारा 307 में 10-10 साल की सजा और 50-50 हजार का जुर्माना , धारा 332 में 2-2 साल की सजा और 20-20 हजार का जुर्माना, धारा 353 में 1-1 साल की सजा और 10-10 हजार का जुर्माना, 3 पीडीपी में 3-3 साल की सजा और 1-1 लाख रुपये जुर्माना, आर्म्स एक्ट में 3-3 साल की सजा न्यायाधीश सुंदर लाल खारोल ने सुनाई है.
15 नवंबर 2014 को पुलिस टीम पर किया था हमला
मालूम हो कि 15 नवंबर 2014 को इन बदमाशों ने भांवता गांव में पुलिस टीम पर हमला कर फायरिंग की थी. इस घटना में हेड कांस्टेबल फैज मोहम्मद की मौत हो गई थी. तत्कालीन कुचामन थाना अधिकारी सुरेश सोनी की ओर से कुचामन थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया था. बाद में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए आरोपी विजेंद्र इंडाली, मदन सिंह और दौलत बानो को गिरफ्तार किया था.
आनंदपाल गैंग के सदस्य थे दोनों आरोपी
पुलिस को आरोपियों की स्कॉर्पियो गाड़ी से विभिन्न हथियार, 44 मोबाइल ,पेन ड्राइव,नकदी आदि मिले थे ,जो की मामले में पुलिस के लिए महत्वपूर्ण साक्ष्य साबित हुए. एडीजे न्यायालय में मुकदमा 9 साल से भी ज्यादा समय तक चला और आज मामले में फैसला आया है. दोनों आरोपी विजेंद्र इंडाली और मदन सिंह गैंगस्टर आनंदपाल गैंग के सदस्य है और दोनों पर अन्य थानों में भी 10-10 मुकदमें विचाराधीन है. फैसला आने के बाद शहीद के परिजनों ने कोर्ट के फैसले पर संतुष्टि जताई. कहा आखिरकार 10 साल बाद आज हमें न्याय मिला.
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