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This Article is From Mar 11, 2024

मेवाराम जैन के खिलाफ गैंगरेप का केस झूठा, पुलिस की रिपोर्ट में कही गई यह बात

मेवाराम पर गैंगरेप का मामला दर्ज किया गया था. लेकिन अब इस आरोप को पुलिस रिपोर्ट में झूठा बताया गया है.

मेवाराम जैन के खिलाफ गैंगरेप का केस झूठा, पुलिस की रिपोर्ट में कही गई यह बात
मेवाराम जैन

Mewaram Jain: राजस्थान के बाड़मेर के पूर्व विधायक मेवाराम जैन पर गैंगरेप का आरोप लगाया गया था. मेवाराम के खिलाफ एक कथित अश्लील वीडियो भी सामने आया था. इसके बाद मेवाराम पर गैंगरेप का मामला दर्ज किया गया था. लेकिन अब इस आरोप को झूठा बताया गया है. वहीं, हाईकोर्ट ने इससे पहले मेवाराम जैन की गिरफ्तारी पर रोक लगाते हुए जांच में शामिल होने के निर्देश दिया थे.

पुलिस की रिपोर्ट में मामला मिला झूठा

राजस्थान हाईकोर्ट ने गैंग रेंप के आरोपी बाडमेर के पूर्व विधायक मेवाराम जैन की याचिका को यह कहते हुए निस्तारित कर दिया कि पुलिस द्वारा प्रस्तावित नेगेटिव फाइनल रिपोर्ट (एफआर) को सम्बंधित थानाधिकारी जल्द कोर्ट के समक्ष पेश करे. न्यायाधीश फरजंद अली की कोर्ट में याचिका की सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता अनिल जोशी ने कहा कि एडिशनल डिप्ट्री कमिश्नर ऑफ पुलिस जोधपुर वेस्ट की ओर से दिए गए तथ्यात्मक प्रतिवेदन के अनुसार मामला जॉच में झूठा पाया गया है और नेगेटिव फाइनल रिपोर्ट पेश की जा रही है. 

उन्होने तीनों पीडिताओं के सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दिए गए बयानों की प्रतिलिपिया भी कोर्ट के समक्ष पेश की. कोर्ट ने कहा कि पुलिस के नतीजे में नेगेटिव अंतिम रिपोर्ट पेश की जानी है और पीडिताओं के बयानों को देखते हुए वर्तमान याचिका को लम्बित रखने का कोई कारण नही रहता. कोर्ट ने सम्बंधित थानाधिकारी को एफआर सम्बंधित ट्रायल कोर्ट के समक्ष जल्द ही पेश करने को कहा है.

क्या था मामला

जोधपुर के राजीव गांधी थाने में एक युवती द्वारा बाड़मेर के पूर्व विधायक मेंवाराम जैन व अन्य लोगों के खिलाफ एससी एसटी पोक्सो एक्ट के अंतर्गत मामला दर्ज कराया था. जिस पर बाड़मेर के पूर्व विधायक मेवाराम जैन व एक अन्य आरोपी को राजस्थान हाई कोर्ट ने आंशिक राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी. लेकिन हाई कोर्ट ने बाड़मेर के पूर्व विधायक मेवाराम जैन व अन्य आरोपी को पुलिस इन्वेस्टिगेशन में जांच करने का सहयोग के लिए कहा गया.

मामला दर्ज होने के बाद पुलिस ने हाई प्रोफाइल मामले को देखते हुए पहले जांच अधिकारी बदला और बाद में पीड़िता का मेडिकल करवा कर 164 के बयान करवाये थे.

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