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सवाई माधोपुर में खनन माफिया के हौसले बुलंद, विभाग और पुलिस की मिलीभगत से कर रहे बजरी का अवैध खनन

टोंक जिले के बजरी लीज धारक खनन विभाग की मिली भगत से बजरी के स्टॉक की आड़ में सवाई माधोपुर जिले की सीमा में स्थित बनास नदी से अवैध बजरी का खनन कर रहे हैं.

सवाई माधोपुर में खनन माफिया के हौसले बुलंद, विभाग और पुलिस की मिलीभगत से कर रहे बजरी का अवैध खनन
सवाई माधोपुर में बजरी का अवैध खनन

Rajasthan News: नियमों को ताक पर रखकर माफिया धड़ल्ले से राजस्थान में बजरी का खनन कर रहे हैं. बजरी का अवैध खनन सरकार और प्रशासन के लिए भी सिर दर्द बन गया है. सवाई माधोपुर जिले में कहने को तो बजरी खनन की कोई वैध लीज नहीं है, लेकिन इसके बावजूद जिले में स्थित बनास समेत अन्य नदियों में धड़ल्ले से अवैध रूप से बजरी का खनन हो रहा है. खनन माफिया का ये सारा खेल खनन विभाग और पुलिस महकमे की मिलीभगत के चलते हो रहा है.

सवाई माधोपुर में नहीं खनन लीज

खनन माफिया सवाई माधोपुर में बारिश से पहले जगह-जगह बजरी के अवैध स्टॉक के माध्यम से धड़ल्ले से बजरी का अवैध कारोबार कर रहे हैं. जिले भले ही बनास में कोई भी सरकारी लीज नही है, लेकिन टोंक जिला स्थित बनास नदी में बजरी लीज धारक टोंक से हटकर सवाई माधोपुर जिले की सीमा में बनास में अवैध रूप से खनन कर रहे हैं. खनन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, टोंक जिले के लीज धारक चांडक एसोसियेट ने सवाई माधोपुर जिले की सीमा में इशरदा-सुरेली-सोलापुर बनास नदी के पास बजरी का स्टॉक बनाया है, जिसकी परमिशन विभाग ने दी है.

नियम के खिलाफ बजरी का स्टॉक

नियम के अनुसार, कोई भी लीज धारक लीज क्षेत्र से पांच किलोमीटर क्षेत्र में बजरी का स्टॉक कर सकता है, लेकिन चांडक एसोसियेट ने अपने लीज क्षेत्र से करीब 7 किलोमीटर दूर सवाई माधोपुर जिले की सीमा में बजरी का स्टॉक किया है. टोंक जिले के बजरी लीज धारक खनन विभाग की मिली भगत से बजरी के स्टॉक की आड़ में सवाई माधोपुर जिले की सीमा में स्थित बनास नदी से अवैध बजरी का खनन कर रहे हैं. हर दिन करीब 500 से 600 वाहन बजरी लेकर जा रहे हैं. लीज धारक रवन्ना के नाम पर बजरी वाहनों को महज टीपी के दस्तावेज देकर अवैध बजरी खनन और परिवहन को वैध बता रहे हैं. 

पुलिस और विभाग की मिलीभगत से चल रहा खेल

इशरदा सरपंच पुखराज गुर्जर का कहना है कि टोंक जिले के लीज धारक विभागीय मिलीभगत से सवाई माधोपुर जिले की सीमा में अवैध रुप से बजरी खनन कर रहे हैं. लीज धारक के पास ना तो पंचायत की एनओसी है और ना ही अन्य किसी और विभागों की एनओसी है. बावजूद इसके लीज धारक, खनन विभाग और पुलिस महकमें की मिली भगत व राजनीति संरक्षण के चलते जिले की सीमा में बजरी स्टॉक की आड़ में बनास में अवैध बजरी खनन कर रहे है. 

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