Rajasthan News: राजस्थान के जयपुर शहर में रोपवे का शिलान्यास करने पहुंचे मंत्री महेश जोशी को चुनाव आयोग ने नोटिस जारी कर दिया है. इस नोटिस में हवामहल क्षेत्र के निर्वाचन अधिकारी ने कहा है कि आदर्श आचार संहिता लगने के बाद प्रदेश में धारा 144 लागू हो चुकी है. इस दौरान किसी राजनीतिक दल से संबंध रखने वाले नेता, वर्तमान विधायक अथवा मंत्री के किसी भी सरकारी कार्यक्रम में शामिल होने पर रोक है. ऐसा करने वाले व्यक्ति निर्वाचन आयोग की ओर से जारी आचार संहिता के उल्लंघन के दायरे में आते हैं. इसीलिए ये नोटिस जारी किया जा रहा है.
बाहर खड़े रहे मंत्री जोशी
इतना ही नहीं, शिकायत मिलने पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की टीम ने मौके पर पहुंचकर जोशी के नाम की शिलापट्टिका हटवा दी. विवादों के बीच प्रमुख मंदिरों के पांच पुजारियों ने मिलकर रोप-वे की नींव रखी. इस दौरान महेश जोशी गेट के बाहर ही खड़े रहे. जोशी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि एक पार्टी के लोग ऐसे हैं, जो खुद तो कुछ नहीं करते हैं. कोई दूसरा करने लगता है तो उसको रोकने की कोशिश करते हैं. दरअसल, गुरुवार सुबह 11 बजे नहर के गणेश मंदिर के पास रोप-वे के शिलान्यास का कार्यक्रम था. इसकी सूचना विज्ञापन के माध्यम से न्यूज पेपर में दी गई थी. इसे लेकर काफी संख्या में हवा महल विधानसभा क्षेत्र के लोग गढ़ गणेश मंदिर के नीचे एकत्रित हो गए. जैसे ही चुनाव आयोग को इसकी भनक लगी तो आयोग के अधिकारी ब्रह्मपुरी पुलिस थाने के जाब्ते के साथ कार्यक्रम रुकवाने पहुंचे.
अखबार से मिली जानकारी
चुनाव आयोग अधिकारी कीर्ति सिंह निर्वाण ने बताया कि, 'अखबार में जिस तरीके से विज्ञापन आया, वह आचार संहिता का उल्लंघन है. आचार संहिता लगने के बाद कोई भी पॉलिटिकल शिलान्यास कार्यक्रम नहीं हो सकता है. यह एक पॉलिटिकल कार्यक्रम था तो उसको रोकने की कोशिश की गई. हमने पूरी तरह से इस पॉलिटिकल प्रोग्राम को रोका है. यदि कोई आयोजन निजी है, तो उसमें कोई दिक्कत नहीं है.
'मुझे अधिकारियों ने रोक दिया'
वहीं शिलान्यास कार्यक्रम को लेकर मंत्री महेश जोशी ने कहा, 'जयपुर के सभी गणेश भक्तों को मैं बधाई देना चाहता हूं. सालों से जो लोग किसी कारणवश इतनी ऊंचाई तक नहीं जा सकते, उन लोगों को भी दर्शन की सुविधा मिल सकेगी. गढ़ गणेश मंदिर जयपुर के लोगों के लिए आस्था का बहुत बड़ा स्थान है. बहुत सारे लोग ऐसे हैं, जो आज भी नियमित रूप से गणेश जी के दर्शन को जाते हैं. रोप-वे के लिए एक कंपनी आगे आई. उस कंपनी को हमने सहयोग किया. कंपनी और बाकी लोगों की यह इच्छा थी कि मैं इसका शिलान्यास करूं, लेकिन शिकायतों के चलते चुनाव आयोग के अधिकारियों ने रोक दिया.'