इन दिनों ऑनलाइन गेम की लत हर उम्र के लोगों को लग चुकी है. कोई टाइम पास के लिए खेल रहा है तो किसी ने ऑनलाइन गेम को अपना पेशा बना लिया है. ऑनलाइन गेम की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए सरकार ने भी कई मानक तय किए हैं और लगातार साइबर कानून बना रही है. लेकिन इसके बाद भी ऑनलाइन गेम पर नकेल नहीं कसी जा सकी है. इस बची ऑनलाइन गेम को लेकर जैसलमेर में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक नाबालिग गेमर गेम की मास्टर आईडी खरीदने के लिए घर से बिना बताए कोलकाता पहुंच गया. हालांकि पुलिस ने उसे सही सलामत बरामद कर लिया और घर वापस ला रही है.
मोबाइल घर पर रखकर हो गया लापता
उसने अपना मोबाइल भी घर पर छोड़ दिया था. पिता ने बेटे का फोन चेक किया और उसमें अंतिम बार जिन नम्बरों पर नाबालिग ने बात की थी उनके खिलाफ साइबर अपराध के तहत अपहरण करवाने का अंदेशा जताया. जिस पर पुलिस ने धारा 363 के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की.
कोलकाता से बरामद हुआ नाबालिग
पुलिस ने नाबालिग को कोलकाता में ढूंढ़ निकाला और शनिवार को नाबालिग को लेकर जैसलमेर पहुंचेंगी. यह बच्चा कोलकता किसके पास जा रहा था क्यों जा रहा था और उन लोगों का बच्चे को कोलकता बुलाने के पीछे कहीं कोई और उद्देश्य तो नही था. इन सभी सवालों की गुत्थी को सुलझाने में पुलिस लगी हुई है. मामले में बड़ा खुलासा होने की संभावना जताई जा रही है.
ऑनलाइन गेमिंग से कमाता था पैसे
नाबालिग कमाए पैसों को अपनी दादी के खाते में डलवाता था और पैसे निकालने के लिए दादी को बैंक ले जाकर निकलवा लेता था. एक्सपर्ट के मुताबिक ऑनलाइन गेम में आईडी वितरित करने के लिए मास्टर आईडी लेनी होती है. इसके लिए 9 हजार देने पड़ते हैं. इसके बाद मास्टर आईडी से वह कई आईडी वितरित कर सकता है. इस 9 हजार की रकम में से आईडी जारी करने वाले को 4500 रुपए वापस भी मिल जाते हैं.
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