
Rajasthan News: राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव बहाली की मांग को लेकर छात्र संगठनों का आंदोलन तेज होता जा रहा है. राजस्थान यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ कार्यालय में नाराज छात्रों ने ताला तोड़कर विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान छात्र नेता देव पलसानिया ने मोर्चा संभालते हुए कहा कि यह सिर्फ उनका विरोध नहीं, बल्कि प्रदेश के हज़ारों छात्रों की लोकतांत्रिक मांग है. पलसानिया ने आरोप लगाया कि पिछले तीन साल से राजस्थान यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ कार्यालय बंद है जबकि यही स्थान छात्रों की समस्याओं के समाधान का केंद्र होना चाहिए था.
सरकार को दिया अल्टीमेटम
छात्र नेता पलसानिया ने कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन ने कार्यालय पर ताला लगा रखा था, जिसे आज मैंने छात्रों की आवाज़ बनकर तोड़ा है. जब लोकतंत्र की पहली सीढ़ी को ही बंद कर दिया जाए तो युवाओं में आक्रोश स्वाभाविक है. पलसानिया ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर जल्द ही छात्रसंघ चुनावों की बहाली नहीं हुई तो प्रदेशभर में उग्र आंदोलन किया जाएगा और इसकी जिम्मेदारी राज्य सरकार की होगी.
राजस्थान में छात्रसंघ चुनाव पिछले तीन सालों से स्थगित हैं. इसे लेकर विभिन्न छात्र संगठनों और नेताओं ने समय-समय पर प्रदर्शन किए हैं. छात्र नेता शुभम रेवाड़ पहले ही यूनिवर्सिटी परिसर में पूर्व छात्रसंघ पदाधिकारियों के कटआउट के साथ रैली निकाल चुके हैं. एनएसयूआई (NSUI) ने लोकतंत्र की विदाई बताते हुए मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की प्रतीकात्मक बारात भी निकाली थी.
छात्रसंघ चुनाव फिर से शुरू करने की मांग
इसके जवाब में ABVP ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अंतिम यात्रा निकालकर सरकार से छात्रसंघ चुनाव फिर से शुरू करने की मांग की थी. राज्य की मौजूदा सरकार की ओर से अब तक छात्रसंघ चुनाव को लेकर कोई स्पष्ट घोषणा नहीं की गई है. छात्रों का कहना है कि अगर लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में भागीदारी का पहला मंच यानी छात्रसंघ चुनाव ही बंद रहेगा, तो युवाओं के भीतर असंतोष और बढ़ेगा.
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