Rajasthan News: बीकानेर से चौथी मरतबा लोकसभा चुनाव जीते अर्जुन राम मेघवाल (Arjun Ram Meghwal) को फिर से मंत्री बनाए जाने की मांग बीकानेर (Bikaner) से उठने लगी है. हालांकि यहां की अवाम को यकीन भी है कि उन्हें इस बार भी बड़ी जिम्मेदारी से नवाजा जाएगा. 20 सितम्बर, 1953 को बीकानेर में उपनगर किसमीदेसर में जन्मे अर्जुन राम मेघवाल शुरू से ही मेधावी रहे हैं. शिक्षा पूरी करने के बाद टेलीफोन ऑपरेटर के पद से अपना करियर शुरू करने वाले अर्जुन राम ने सन 2009 में अपना राजनीतिक सफर शुरू किया और अब उन्होंने चौथी बार बीकानेर से लोकसभा चुनाव जीता है.
2009 में दिया था कलेक्टर पद से इस्तीफा
अर्जुन राम मेघवाल मेधावी रहने के साथ शुरू से ही भाग्यशाली भी रहे हैं. बीकानेर के उपनगर किसमीदेसर के एक साधारण परिवार में जन्मे अर्जुन राम ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा स्थानीय स्कूलों में हासिल की और बाद में डूंगर कॉलेज से एमए और एलएलबी की डिग्रियां प्राप्त की. सन 1974 में टेलीफोन ऑपरेटर के रूप में दूरसंचार विभाग में चयन होने के बाद उनकी तरक्की के रास्ते खुलते गए और 1982 में उनका सिलेक्शन राजस्थान उद्योग सेवा में हो गया. उसी कैडर में आगे बढ़ते हुए अर्जुन राम मेघवाल राजस्थान प्रशानिक सेवा में प्रोमोट हुए और सन 2006 में स्पेशल प्रोमोशन पाकर वे आईएएस कैडर में आये. लेकिन ये उनकी मंजिल नहीं थी. बल्कि सफर का एक छोटा सा मकाम था. सन 2009 में चूरू कलेक्टर रहते हुए उन्होंने सरकरिसेवा से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण की और पार्टी ने उन्हें बीकानेर सुरक्षित सीट लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बना कर दांव खेला. पार्टी की उम्मीदों पर खरा उतरते हुए अर्जुन राम मेघवाल ने कांग्रेस के रेवंतराम पंवार को 19 हजार, 653 वोटों से हरा कर अपने सियासी सफर की शुरुआत की. इसके बाद अर्जुन ने पीछे मुड़ कर नहीं देखा और महाभारत के अर्जुन की तर्ज पर अपने लक्ष्य पर नजर गड़ाए रहे.
2014 में पन्नू को रिकॉर्ड वोटों से हराया
सन 2014 में भाजपा ने फिर से उन पर यकीन जताते हुए बीकानेर से ही चुनाव मैदान में उतारा और इस बार उन्होंने कांग्रेस के शंकर पन्नू को रिकॉर्ड 3 लाख, 9 हजार वोटों से मात दी. यही वो साल था जब भारत की राजनीतिक दिशा बदलने लगी थी और नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए गठबन्धन ने लोकसभा चुनाव में यूपीए एलायन्स को जबरदस्त मात दी. नरेन्द्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बने और उनकी सीधी निगाह अर्जुन पर पड़ी. मोदी की निगाह पड़ने का नतीजा अर्जुन राम मेघवाल को चीफ व्हिप यानी लोकसभा में पार्टी का मुख्य सचेतक के रूप में मिला. लेकिन ये आगाज था. चीफ व्हिप के बाद उन्हें पार्टी ने केन्द्र सरकार की आवास समिति का अध्यक्ष बनाया.
बदलते विभाग के साथ बढ़ता गया कद
2016 में वित्त राज्य मंत्री और कॉरपोरेट अफेयर्स मंत्री की जिम्मेदारी दी गयी. सन 2018 में उनके विभाग बदल कर जल संसाधन और संसदीय कार्य मंत्री बनाया गया. सन 2019 में पार्टी ने तीसरी बार विश्वास कायम रखते हुए अर्जुन राम मेघवाल को फिर बीकानेर से लोकसभा उम्मीदवार बनाया और इस बार उन्होंने 2 लाख, 63 हज़ार, 860 वोटों से जीत हासिल करते हुए कांग्रेस के प्रत्याशी मदन मेघवाल को मात दी. इस जीत का इनाम उन्हें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भारी उद्योग मंत्रालय, संसदीय कार्य मंत्री बना कर मिला. राम मन्दिर स्थापना के दौरान उन्हें संस्कृति मंत्री की जिम्मेदारी भी दी गई. सीएए और भारतीय न्याय संहिता सहित के कानून पारित होने से पहले अर्जुन राम मेघवाल को कानून और न्याय मंत्री का कार्यभार दिया गया.
नए कदम से पहले मेघवाल को जिम्मेदारी
खास बात ये रही कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जब भी कोई नया कदम उठाया तो उसके पहले अर्जुन राम मेघवाल को उसी से सम्बन्धित मंत्रालय की जिम्मेदारी दी गई. नोट बन्दी से पहले वित्त मंत्रालय का जिम्मा, गंगा नदी के विकास की बात जब आई तो उन्हें जल संसाधन मंत्री की जिम्मेदारी दी गई. राम मन्दिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले संस्कृति मंत्री और सीएए कानून लागू करने से पहले कानून और न्याय मंत्री की जिम्मेदारियां उन्हें सौंपी गईं, जिन्हें अर्जुन राम मेघवाल ने बखूबी निभाया.
बड़ी जिम्मेदरी मिलने की संभावना
मगर पिछले तीन चुनाव आसानी से जीत जाने वाले अर्जुन राम मेघवाल को हालिया लोकसभा चुनावों में को कड़ी चुनौती मिली और इस बार कांग्रेस ने कद्दावर उम्मीदवार गोविन्द राम मेघवाल को मैदान में उतार कर अर्जुन के रथ को रोकने का पूरा इन्तेजाम कर लिया था. लेकिन अपने बेहतर चुनावी प्रबन्धन के चलते अर्जुन राम मेघवाल चुनाव जीत तो गए. मगर इस बार उनकी जीत सिमट कर सिर्फ 55 हजार, 711 वोटों तक रह गई. लेकिन बावजूद इसके पार्टी में उनके कद की लम्बाई बरकरार है और आने वाली कैबिनेट में उन्हें बड़ी जिम्मेदारी मिलने की पूरी सम्भावना है.
बीकानेर में विकास के वादे अधूरे
हालांकि बीकानेर के विकास के लिए किए गए उनके बहुत से वादे अभी अधूरे हैं. लेकिन फिर भी बीकानेर की अवाम उम्मीदें लगाए बैठी है कि पीएम के चहेते अर्जुन बीकानेर के विकास रूपी लक्ष्य पर अपनी नजर गड़ाए और राम की मर्यादा कायम रखते हुए अपने संसदीय क्षेत्र में भी राम राज्य की कल्पना को साकार करें.
ये भी पढ़ें:- अपने ही बूथ पर पिछड़ गए अर्जुन राम मेघवाल, विधायकों के बूथ से मिले सबसे ज्यादा वोट