इंसानियत को शर्मसार करने वाला एक मामला अलवर जिले के रामगढ़ थाना क्षेत्र से आया है. जहां पर 2 दिन का नवजात शिशु झाड़ियों के पास खेत में कंबल में लिपटा हुआ मिला. घटना की सूचना पर थाना अधिकारी राजपाल चौधरी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचें. घटनास्थल पर ग्रामीणों की भीड़ लगी हुई थी लेकिन नवजात शिशु की कोई पहचान नहीं हो पाई इसलिए नवजात शिशु को रामगढ़ हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया. इससे कुछ ही दिनों पहले डीडवाना में एक ही दिन में दो नवजात अलग-अलग जगहों पर लावारिस मिले थे.
नवजात को हॉस्पिटल में करवाया गया भर्ती
हॉस्पिटल में ड्यूटी पर तैनात विश्वेंद्र गुर्जर व चिकित्सा अधिकारी हसन अली ने नवजात शिशु का जांच परीक्षण किया तो नवजात बेटी स्वस्थ्य मिली. वहीं अस्पताल स्टाफ ने नवजात बच्ची को दूध पिलाया. चिकित्सा अधिकारी हसन अली का कहना है कि करीबन 2 दिन की नवजात बच्ची का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है स्वास्थ्य परीक्षण के अनुसार नवजात बच्ची बिल्कुल स्वस्थ्य है जिसे दूध पिलाया गया है और बच्ची रो रही है.
नवजात को खेत में फेंकने वाला निर्दयी कौन?
एक तरफ तो सरकार भ्रूण हत्या पर रोकथाम के लिए पूरा प्रयास कर रही है वहीं दूसरी ओर ममता को कलंकित करने वाली मां अपनी दो दिन की नवजात बेटी को जंगल में पटक गई. गनीमत तो यह रही कि आवारा कुत्तों ने नवजात बेटी को शिकार नहीं बनाया वरना एक बड़ी अनहोनी हो सकती थी.
वहीं पुलिस का कहना है कि जो अज्ञात नवजात बेटी खेत में मिली है उसको अलवर नवजात शिशु गृह में दाखिला कराया जाएगा. वहीं नवजात बेटी की खेत में पड़ी मिलने की सूचना पर रामगढ़ क्षेत्र के बच्चों के लिए तरस रहे मां-बाप अस्पताल पहुंचे और बेटी को अपनाने के लिए पुलिस के आगे गुहार लगाने लगे.
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