Kasauti Nath Mahadev Temple: बीकानेर के नत्थूसर गेट के बाहर के इलाक़े में कसौटी नाथ महादेव मंदिर है, जहां पर हुमायूं ने शरण लिया था. ये मंदिर देखने में तो बिल्कुल आम मंदिरों जैसा ही है. लेकिन, इससे जुड़ी कई बातें ऐसी हैं, जो दूसरे मंदिरों से अलग करती हैं. जब शेरशाह सूरी ने हुमायूं पर हमला कर उसे भागने पर मजबूर कर दिया था, तो हुमायूं अपने काफिले के साथ बीकानेर के रेगिस्तान से गुज़रा. जब जान का ख़तरा लगा तो सामने भगवान शिव का कसौटी नाथ महादेव का मंदिर दिखा, तो इस मंदिर में शरण लिया.
हुमायूं ने इस मंदिर में जान की मांगी मन्नत
हुमायूं ने इसमें प्रवेश कर अपनी जान और सल्तनत की सुरक्षा की मन्नत मानी. वह काफ़ी समय तक यहां छिप कर रहा. बाद में भगवान शिव के आशीर्वाद से उसने शेरशाह सूरी को हराया. मंदिर के मुख्य पुजारी पंडित सत्य नारायण किराडू बताते हैं कि 16वीं शताब्दी में जब ये मंदिर बना, तो ये इलाक़ा बिल्कुल उजाड़ था. चारों तरफ़ रेगिस्तान था, यहां से गुज़रने वाले क़ाफ़िले यहां रुक कर भगवान महादेव के दर्शन करते, फिर विश्राम करने के बाद आगे बढ़ते. उन्होंने बताया कि जब हुमायूं पर शेरशाह सूरी ने हमला किया, तो हुमायूं ने इस मंदिर में शरण लिया.
सवान में लोग करते हैं जलाभिषेक
यहां हर रोज सैंकड़ों श्रद्धालु आते हैं और मन्नतें मानते हैं. शिव भक्त गुनगुन कुमारी कहती हैं कि बाक़ी सारे मंदिर एक तरफ़ और कसौटी नाथ महादेव मंदिर एक तरफ़ है, जो भी मन्नत मानों, भोलेनाथ उसे पूरी करते हैं. मंदिर अभिषेक के कार्यक्रम चलता ही रहता है . एनडीटीवी की टीम के सामने ही अभिषेक करने कई श्रद्धालु पहुंचे.
भक्तों की सभी मन्नते पूरा करते हैं महादेव
शिवभक्त संजू लता विजयवर्गीय, शान्ति लाल मोदी और मनोज गहलोत ने कहा कि जो करते हैं महादेव करते हैं. हम निमित्त मात्र हैं. भोले ने बुलाया है, अभिषेक भी वही करवा रहे हैं. हमने जब भी, जो कुछ भी उनसे मांगा, महादेव ने हमें दिया है. आगे भी देते रहेंगे. वे दाता हैं.