
Muslim Personal Law Board's campaign against Waqf Bill: राजस्थान के मुस्लिम संगठनों ने वक्फ संशोधन विधेयक 2025 के खिलाफ ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के अभियान को समर्थन देने की घोषणा की. 10 अप्रैल से 7 जुलाई तक चलने वाले इस जागरूकता अभियान में राजस्थान मुस्लिम फोरम भी शामिल होगा. गुरुवार को जयपुर में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में राजस्थान मुस्लिम फोरम ने AIMPLB के ‘वक्फ बचाओ, दस्तूर बचाओ' अभियान में भागीदारी की घोषणा की. फोरम का कहना है कि विधेयक मुस्लिम समुदाय की धार्मिक स्वतंत्रता पर हमला है.
जमीयत-उलेमा-ए-हिंद के प्रदेश उपाध्यक्ष हाफिज मंजूर ने कहा कि फोरम सभी धर्मों के धार्मिक नेताओं, नागरिक संस्थाओं और राजनीतिक दलों तक पहुंचेगा. उनका उद्देश्य विधेयक को लेकर फैली गलत सूचनाओं को दूर करना और इसके खिलाफ समर्थन जुटाना है. उन्होंने इसे संवैधानिक अधिकारों की रक्षा की लड़ाई बताया.
यह राज्य प्रायोजित भूमि हड़पने का प्रयास
अजमेर दरगाह की अंजुमन कमेटी के सचिव सरवर चिश्ती ने विधेयक को ‘राज्य प्रायोजित भूमि हड़पने' का प्रयास करार दिया. उन्होंने कहा, “वक्फ संपत्तियां पवित्र ट्रस्ट हैं, जो 700-800 साल पहले हमारे पूर्वजों ने दान की थीं. यह राजनीतिक संपत्ति नहीं है. यह संशोधन मुस्लिम संपत्तियों को हड़पने की साजिश है.”
विधेयक का समर्थन करने वालों का होगा बहिष्कार
चिश्ती ने मोदी सरकार, बीजेपी और हिंदू संगठनों पर मुसलमानों को हाशिए पर धकेलने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि यह विधेयक देश भर में मुस्लिम समुदाय को कमजोर करने की व्यापक रणनीति का हिस्सा है. फोरम ने विधेयक का समर्थन करने वालों के बहिष्कार की भी घोषणा की.
वक्फ संशोधन विधेयक 2025 को संसद ने 4 अप्रैल को पारित किया. इसी के विरोध में AIMPLB और मुस्लिम संगठनों का कहना है कि यह धार्मिक स्वतंत्रता और संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है.
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