Rajasthan News: राजस्थान के बारां जिले की अंता विधानसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव (Anta Assembly By-election 2025) ने अब एक बड़ा राजनीतिक मोड़ ले लिया है. कांग्रेस से बागी होकर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे नरेश मीणा (Naresh Meena) को आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) का खुला समर्थन मिल गया है. केजरीवाल के इस समर्थन के बाद अंता का त्रिकोणीय चुनावी समीकरण और भी दिलचस्प हो गया है, जिसने यहां की पारंपरिक प्रतिद्वंद्वी भाजपा (BJP) और कांग्रेस (Congress) की चिंता बढ़ा दी है.
पूर्व सीएम के ट्वीट करते ही एक्टिव हुई आप
मंगलवार को निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा ने ट्वीट कर 'आप' और अरविंद केजरीवाल से समर्थन मांगा था. इसके जवाब में, अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, 'नरेश जी, आम आदमी पार्टी पूरी तरह से आपके साथ है.' इस समर्थन के बाद, राजस्थान में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थक तुरंत सक्रिय हो गए हैं. सोशल मीडिया पर #AAPStandsWithNareshMeena ट्रेंड करने लगा है, जो दिखाता है कि अंता की यह लड़ाई अब स्थानीय से राष्ट्रीय रंग ले चुकी है.
नरेश जी, आम आदमी पार्टी पूरी तरह से आपके साथ है। https://t.co/2uwwER7l5w
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) October 28, 2025
15 प्रत्याशी मैदान में, 11 नवंबर को वोटिंग
अंता विधानसभा सीट पर 11 नवंबर को उपचुनाव होने हैं, जिसके लिए 15 प्रत्याशी मैदान में डटे हैं. यहां मुख्य रूप से तीन ध्रुवीय मुकाबला बन गया है. चुनावी मैदान में एक तरफ कांग्रेस के टिकट पर प्रमोद जैन भाया हैं, जो हाड़ौती क्षेत्र के अनुभवी और कद्दावर नेताओं में से एक हैं. वहीं, भाजपा के टिकट पर मोरपाल सुमन हैं, जिन्होंने रामपाल मेघवाल जैसे पार्टी के बागी नेताओं को मनाकर अपनी स्थिति मजबूत की है. आखिर में निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा हैं जो युवाओं और मीणा-धाकड़ वोट बैंक में मजबूत पकड़ रखते हैं, जिन्हें अब AAP का समर्थन मिला है.
कांग्रेस को होगा सबसे ज्यादा नुकसान
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नरेश मीणा सीधे तौर पर कांग्रेस के वोट बैंक में सेंध लगाएंगे, क्योंकि वह पूर्व में कांग्रेस से जुड़े रहे हैं और युवाओं में उनकी लोकप्रियता है. केजरीवाल के समर्थन से अब 'आप' के एंटी-करप्शन और बदलाव के एजेंडे से जुड़े शहरी और मध्यम वर्ग के वोट भी मीणा की ओर आकर्षित हो सकते हैं. इससे सबसे बड़ा नुकसान कांग्रेस को होगा, जिसका सीधा फायदा भाजपा को मिल सकता है.
भाजपा ने की माइक्रो मैनेजमेंट स्तर तक तैयारीसोमवार को नामांकन वापस लेने की समय सीमा समाप्त होने के बाद, भाजपा ने बागी नेताओं को मनाने में सफलता हासिल की है. पूर्व विधायक रामपाल मेघवाल समेत 5 प्रत्याशियों ने नामांकन वापस लिया है. रामपाल मेघवाल ने नामांकन वापस लेकर भाजपा प्रत्याशी मोरपाल सुमन को समर्थन दिया है. भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने दावा किया है कि पार्टी ने माइक्रो मैनेजमेंट स्तर तक तैयारी कर ली है और संगठन की पकड़ मजबूत की गई है.
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