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This Article is From Mar 29, 2025

नवरात्रों में 1200 साल पुराने तनोट माता का सजा दरबार, श्रृद्धालुओं के लिए BSF ने जवानों किए सभी इंतजाम

राजस्थान के पश्चिमी भाग में भारत-पाक सीमा के निकट स्थित 1200 वर्ष पुराने ऐतिहासिक चमत्कारी तनोट मातेश्वरी मंदिर में कल से शुरू हो रहे चैत्र नवरात्रि की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.

नवरात्रों में 1200 साल पुराने तनोट माता का सजा दरबार, श्रृद्धालुओं  के लिए  BSF  ने जवानों किए सभी इंतजाम
Tanot Mata ka Mandir
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Tanot Mata News: राजस्थान के पश्चिमी भाग में भारत-पाक सीमा के निकट स्थित 1200 वर्ष पुराने ऐतिहासिक चमत्कारी तनोट मातेश्वरी मंदिर में कल से शुरू हो रहे चैत्र नवरात्रि की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. पूरे मंदिर परिसर को बीएसएफ के जवानों द्वारा दिन-रात मेहनत कर सजाया जा रहा है.

बीएसएफ के जवानों  को दिया अंतिम रुप

सीमावर्ती क्षेत्र होने की वजह से तथा श्रृद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को देखते हुए तनोट में सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी किए गए है.बीएसएफ के जवानों द्वारा तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है.सुविधाओं के तहत पीने की प्याऊ उपलब्ध होगी.श्रद्धालुओं के लिए खास तौर पर एक मेडिकल कैंप भी शुरु किया जा रहा है.प्रतिदिन श्रद्धालुओं के लिए भंडारा भी चलाया जाएगा.वही ऑनलाइन बुकिंग के माध्यम से रुकने की व्यवस्था भी रहेगी. साथ ही एक बड़ा हॉल भी तैयार किया है,जंहा बिस्तर इत्यादि की व्यवस्था  की गई है. 

ये रहेगी व्यवस्था

 नवरात्रि के दिनों में तनोट माता की रोजाना आरती और हवन के कार्यक्रम होंगे. बीएसएफ के युवा अधिकारियों ने यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए दर्शन और अन्य व्यवस्थाओं के लिए विशेष इंतजाम किए हैं. सीमा सुरक्षा बल के उप महानिरीक्षक योगेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि बीएसएफ ने नवरात्रि के लिए तैयारियां पूरी कर ली हैं. हर साल नवरात्रि पर लाखों श्रद्धालु तनोट में माता के दरबार में पहुंचते हैं. नवरात्रि के लिए मंदिर में विशेष सजावट आदि के साथ ही आवास, भोजन और अन्य व्यवस्थाएं की गई हैं ताकि किसी भी श्रद्धालु को किसी तरह की दुविधा का सामना न करना पड़े.

 जैसलमेर में पाकिस्तान से सटी सीमा पर है बना

हर साल की तरह इस साल भी नवरात्रि के दौरान माताश्री तनोट राय के मंदिर में सुबह 5.45 बजे, 11.30 बजे और शाम 7 बजे आरती की जाएगी. पश्चिमी सीमा की रक्षा करने वाले और पाकिस्तान से सटे जैसलमेर जिले की सीमा पर स्थित यह तनोट माता मंदिर अपने आप में एक अद्भुत मंदिर है.भारत-पाक सीमा पर बना यह मंदिर न सिर्फ श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है बल्कि 1965 और 1971 के भारत-पाक युद्ध का गवाह भी है.

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