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राजस्थान में चलेगा 'गहलोत का जादू' या दिखेगा 'मोदी लहर का जलवा', NDTV Opinion Poll की 10 खास बातें

राजस्थान की सियासी सरगर्मी के बीच NDTV ने CSDS-Lokniti के साथ मिलकर ओपिनियन पोल किया. जिसमें लोगों से 40 सवालों के जवाब पूछे गए. इस ओपिनियन पोल की 10 खास बातें जानिए यहां.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत.

NDTV Rajasthan Opinion Poll: राजस्थान में विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मी पूरे परवान पर है. प्रदेश की सभी 200 विधानसभा सीटों पर 25 नवंबर को एक चरण में मतदान होना है. वोटों की गिनती 3 दिसंबर को होगी. अभी नामांकन का दौर चल रहा है. सत्तारूढ़ कांग्रेस, मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा के साथ-साथ बसपा, आप, राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी सहित अन्य पार्टियां अपने-अपने एजेंडे के साथ मैदान में हैं. प्रदेश की चुनावी सरगर्मी के बीच NDTV ने रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन CSDS-Lokniti के साथ मिलकर ओपिनियन पोल किया. जिसमें लोगों से 40 सवालों के जवाब पूछे गए. इस ओपिनियन पोल की 10 खास बातें जानिए यहां.

  • एनडीटीवी की सर्वे में पूछा गया कि राजस्थान की जनता गहलोत सरकार के कामकाज से कितनी संतुष्ट है? इसके जवाब में राजस्थान के सिर्फ़ 14 फ़ीसदी मतदाता ही अशोक गहलोत सरकार से पूरी तरह असंतुष्ट हैं.गहलोत सरकार से आंशिक तौर पर संतुष्ट मतदाताओं का प्रतिशत 43 है, जबकि कुछ हद तक संतुष्ट मतदाता 28 फ़ीसदी रहे. यानी, 71 फ़ीसदी मतदाताओं को मोटे तौर पर गहलोत सरकार से कोई शिकायत नहीं है. हालांकि कांग्रेस की सरकार से 10 फ़ीसदी मतदाता कुछ हद तक असंतुष्ट भी हैं.
  • मतदाताओं ने सबसे अधिक 27% सीएम अशोक गहलोत को मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर पसंद किया. इसके अलावा 15% मतदाताओं ने वसुंधरा राजे के अलावा बीजेपी से किसी और के चेहरे के मुख्यमंत्री के बनने की चाहत रखी. जबकि वसुंधरा राजे को 14% लोगों ने मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर पसंद किया. जबकि सर्वे में राजस्थान के उपमुख्यंत्री सचिन पायलट को सीएम के फेस पर 9% मतदाताओं ने रूचि दिखाई. जबकि कांग्रेस से किसी अन्य के सीएम फेस बनाने को लेकर 8% लोगों ने इच्छा जताई. वहीं गजेंद्र सिंह शेखावत को 6 % मतदाताओं ने सीएम फेस पर अपनी पसंद बताई.
  • सर्वे का दूसरा अहम सवाल केंद्र की मोदी सरकार से जुड़ा था. सर्वे में शामिल लोगों से पूछा गया था कि केंद्र सरकार के कामकाज से आप कितना संतुष्ट हैं, तो राज्य की आधे से ज़्यादा आबादी, यानी 55 फ़ीसदी लोग नरेंद्र मोदी सरकार के कामकाज से पूरी तरह संतुष्ट हैं, और कुछ हद तक संतुष्ट उत्तरदाताओं की तादाद 24 फ़ीसदी रही. इसलिए मोटे तौर पर राजस्थान के 79 फ़ीसदी मतदाताओं को नरेंद्र मोदी सरकार से कोई शिकायत नहीं है. इसके विपरीत, मोदी सरकार से कुछ हद तक असंतुष्ट जनता का प्रतिशत 8 रहा, और पूरी तरह असंतुष्ट जनता सिर्फ़ 7 फ़ीसदी रही.
  • NDTV-CSDS लोकनीति सर्वे का एक अहम सवाल यह भी था कि राजस्थान के वोटरों के लिए सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा क्या था. इसके जवाब में 21 फ़ीसदी ने बेरोज़गारी और 20 फ़ीसदी ने महंगाई को सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा बताया. 15 प्रतिशत ने गरीबी, 13 प्रतिशत ने विकास, सात फ़ीसदी ने भ्रष्टाचार तथा 21 फ़ीसदी लोगों ने अन्य मुद्दों को सबसे अहम मुद्दा बताया.राजस्थान विधानसभा की सभी 200 सीटों पर में एक ही चरण में 25 नवंबर को मतदान करवाया जाएगा, और चुनाव परिणाम 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे. NDTV-CSDS लोकनीति सर्वे सूबे की 30 सीटों पर 24 से 30 अक्टूबर के बीच किया गया, और इसका सैम्पल साइज़ 3,032 था.
  • NDTV-CSDS Lokniti के सर्वे में राजस्थान की जनता से यह भी सवाल किया गया था कि आप अशोक गहलोत या नरेंद्र मोदी, किसका चेहरा देखकर वोट करेंगे. इसके जवाब में 37 फ़ीसदी लोग मोदी के साथ दिखे, और 32 फ़ीसदी लोग गहलोत के साथ. 20 फ़ीसदी लोग ऐसे भी रहे, जिन्होंने कहा कि वे दोनों नेताओं को देखकर, और फिर सोच समझकर वोट करेंगे. इसी से जुड़ा दूसरा सवाल था कि उनके लिए वोट देते वक्त सबसे अहम पार्टी होती है या उम्मीदवार. तो जवाब में 31 फ़ीसदी लोगों ने पार्टी देखकर वोट देने की बात कही, जबकि 30 फ़ीसदी लोग उम्मीदवार को देखकर वोट देने की बात करते नज़र आए.
  • देश की राजनीति में जाति का अहम स्थान है. कमोवेश वोटिंग इसी के आधार पर होती है. हमने सर्वे में अलग-अलग जातियों की पसंद जानी. जिसमें सामने आया कि राजपूत मतदाताओं में से 55 फ़ीसदी ने BJP का साथ देने की बात कही, और कांग्रेस के पक्ष में 33 फ़ीसदी राजपूत नज़र आए. हालांकि राज्य की दलित आबादी में वोटों का बंटवारा काफ़ी पेचीदा होता दिख रहा है, और 46 फ़ीसदी दलित मतदाता कांग्रेस के साथ जाते दिखे, तो 44 फ़ीसदी ने BJP का साथ देने की बात कही. 
  • जाट मतदाता कांग्रेस के पक्ष में दिखे, और BJP के पक्ष में वोट देने की बात करने वाले 34 फ़ीसदी लोगों के मुकाबले 42 फ़ीसदी ने सर्वे में कांग्रेस का साथ देने की बात कही. 45 फ़ीसदी OBC मतदाता BJP के साथ हैं, जबकि कांग्रेस का साथ देने के लिए सिर्फ़ 35 फ़ीसदी OBC तैयार हैं. आदिवासियों में से 48 फ़ीसदी को 'कमल' वाली पार्टी पसंद है, जबकि 36 फ़ीसदी जनजातीय वोट 'पंजे' का साथ देने को तैयार हैं. अब बात अल्पसंख्यकों की, यहां पलड़ा कांग्रेस का भारी दिखा. सर्वे में शामिल मुस्लिम मतदाताओं में से 86 फ़ीसदी ने कांग्रेस का साथ दिया, जबकि BJP का साथ सिर्फ़ 9 फ़ीसदी मुस्लिम उत्तरदाताओं ने दिया. 
  • सर्वे में शिरकत करने वाली महिलाओं में से 45 प्रतिशत ने BJP को वोट देने की बात कही, और कांग्रेस को वोट देने वाली महिलाओं की तादाद 39 फ़ीसदी रही. पुरुष मतदाताओं में से 43 फ़ीसदी ने BJP, और 41 फ़ीसदी ने कांग्रेस का साथ दिया. युवावर्ग के उत्तरदाताओं में से भी कांग्रेस का साथ देने वाले 35 फ़ीसदी मतदाताओं की तुलना में 45 फ़ीसदी ने BJP का साथ देने की बात कही.
  • NDTV-CSDS लोकनीति सर्वे का एक अहम सवाल यह भी था कि राजस्थान के वोटरों के लिए सबसे बड़ा चुनावी मुद्दा क्या था. इसके जवाब में 21 फ़ीसदी ने बेरोज़गारी और 20 फ़ीसदी ने महंगाई को सबसे महत्वपूर्ण मुद्दा बताया. 15 प्रतिशत ने गरीबी, 13 प्रतिशत ने विकास, सात फ़ीसदी ने भ्रष्टाचार तथा 21 फ़ीसदी लोगों ने अन्य मुद्दों को सबसे अहम मुद्दा बताया.राजस्थान विधानसभा की सभी 200 सीटों पर में एक ही चरण में 25 नवंबर को मतदान करवाया जाएगा, और चुनाव परिणाम 3 दिसंबर को घोषित किए जाएंगे. NDTV-CSDS लोकनीति सर्वे सूबे की 30 सीटों पर 24 से 30 अक्टूबर के बीच किया गया, और इसका सैम्पल साइज़ 3,032 था.
  • राजस्थान विधानसभा चुनाव से पहले एनडीटीवी ने वोटरों की नब्ज टटोली है. यह सर्वे 24 से 30 अक्टूबर के बीच राजस्थान की 30 विधानसभा सीटों पर किया गया है. इसमें प्रदेश की इन 30 विधानसभा सीटों पर अलग-अलग वर्ग से आने वाले 3032 लोगों की राय ली गई. जिसमें लोगों की राय यह सब आई है.  
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