
Jalore News: एक माता-पिता के लिए उसका बेटा और बेटी ही उसके बुढ़ापे का सहारा होते हैं, लेकिन कई बार इससे विपरीत परिस्थितियां पैदा हो जाती है और जिंदगी मुश्किल हो जाती है. ऐसा ही एक मामला सांगाणा का है जहां 82 वर्षीय रायधन खान को जीवन के इस पड़ाव पर मुश्किल हालातों का सामना करना पड़ रहा है. बुजुर्ग की पत्नी का निधन हो चुका है. उनका 50 वर्षीय बेटा शेरू खान मानसिक रूप से विक्षिप्त है और उसके पिता ने उसे पिछले 12 सालों से जंजीरों में बांधकर रखा हुआ है. इससे शेरू खान को आज खुशी का एहसास हुआ है. एनडीटीवी द्वारा प्रमुखता से खबर दिखाए जाने के बाद कई सालों तक जंजीरों में जकड़े रहने के बाद आज यानी शनिवार को उसे आजादी मिल गई.
जंजीरों से 12 सालों से रखा था बांधकर
सायला उपखंड के सांगाणा गांव में रहने वाले माता-पिता ने अपने 50 साल के बेटे को पिछले 12 सालों से जंजीरों से बांधकर रखा है, क्योंकि उनका बेटा शेरू मानसिक रूप से बीमार है. वह कभी भी किसी भी चीज को नुकसान पहुंचा देता था और किसी से भी झगड़ा भी कर लेता था. इसलिए उसे जंजीरों से बांधकर रखना उसके पिता की मजबूरी बन गई थी. बूढ़े माता-पिता शेरू को गर्मी, सर्दी या बरसात हर मौसम में घर के पास एक बबूल के पेड़ से बांधकर रखते थे. लंबे समय तक जंजीरों से बंधे रहने के कारण उसके पैरों पर बेड़ियों के काले निशान पड़ गए थे.
गुजारा करना परिवार के लिए हो गया था मुश्किल
परिवार को न तो सरकारी योजना का लाभ मिल पा रहा था और न ही पीड़ित शेरू का सही से इलाज हो पा रहा था. इतना ही नहीं सरकारी अधिकारियों की लापरवाही के कारण उसकी पेंशन भी अटक गई थी. पहले पेंशन तो आ रही थी, लेकिन आधार कार्ड न होने के कारण उसका सत्यापन नहीं हो पा रहा था, जिसके कारण वह भी बंद हो गई थी. ऐसे में परिवार का गुजारा करना मुश्किल हो गया था.
शेरू को इलाज के लिए जोधपुर भेजा गया
वहीं अब खबर ते सामने आने के बाद प्रशासन ने शेरी को जंजीरों से आजाद काराकर उसे जोधपुर के एमडीएम अस्पताल के लिए रवाना किया है.जहां सरकारी खर्च से उसका इलाज किया जाएगा. साथ ही एसडीएम सूरजभान बिश्नोई के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शेरू खान को इलाज के लिए भेजा गया है. इस टीम में बीसीएमओ रघुनन्दन विश्नोई सहित स्वास्थ्य विभाग के कई डॉक्टर हिस्सा है.
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