NDTV World Summit 2024 : भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत के पड़ोस में अब बदलाव होते रहेंगे और भारत को इन बदलावों को अपनी नीति का हिस्सा बनाना होगा. एस जयशंकर ने एनडीटीवी वर्ल्ड समिट में हिस्सा लेते हुए कहा,"हमारा पड़ोस लोकतांत्रिक है और वहां बदलाव होते रहेंगे. कई बार हमें उनकी राजनीति में निशाना बनाया जाता रहेगा, और हमें इसे अपनी नीति में शामिल करना होगा. प्रधानमंत्री मोदी ने 10 साल पहले यह विचार दिया कि अगर हम अपना रिकॉर्ड ऐसा रखें जिससे हम एक भरोसेमंद पड़ोसी लगें."
एनडीटीवी के एडिटर इन चीफ़ संजय पुगलिया के साथ कार्यक्रम में जयशंकर ने मौजूदा अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक परिदृश्य और विभिन्न देशों के साथ भारत के विदेश संबंधों के बारे में अपने विचार रखे.
विदेश मंत्री जयशंकर ने साथ ही अंतरराष्ट्रीय राजनीति के वर्तमान स्थिति के बारे में कहा कि पिछले 20-25 वर्षों में गैर-पश्चिमी देशों की भूमिका बढ़ी है और पश्चिम और गैर-पश्चिमी देशों के संतुलन में बदलाव आया है और इस बदलाव के साथ व्यवस्थित होना आसान नहीं है.
उन्होंने कहा," "मैं US या यूरोप जाता हूं, तो वहां के देश कहते हैं कि भारत के साथ काम करने का मतलब है. लेकिन ये बातें कनाडा में सुनने को नहीं मिलती.1945 के बाद वर्ल्ड का सिस्टम बहुत पश्चिमी था. 1990 के दशक के बाद यह बहुत पश्चिमी थी. लेकिन पिछले 20 सालों में चीजें बदली हैं. वर्ल्ड का बैलेंस बदला है. कई गैर-पश्चिमी देश बहुत प्रभावशाली रहे हैं. गैर-पश्चिम और पश्चिम के बीच समीकरण बदल रहा है. लिहाजा इसे पचाना और समायोजित करना आसान नहीं है. कनाडा के साथ यही दिक्कत है."
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कनाडा के साथ तनाव की वजह वहां की घरेलू राजनीति
कनाडा के साथ पिछले कुछ समय से संबंधों में जारी तनाव के बारे में पूछे जाने पर एस जयशंकर ने कहा कि इसकी वजह कनाडा की राजनीति है. उन्होंने कहा कि कनाडा के भीतर से भारत को धमकियां जाती हैं, मगर भारत के बार-बार बताने के बाद भी कनाडा सरकार इसे नज़रअंदाज़ करती है और इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता बताती है.
एस जयशंकर ने कहा,"कनाडा के साथ संबंध खराब होने का एक इतिहास रहा है. 1980 के दशक में एक भारतीय विमान को कनाडा के ऊपर बम से उड़ा दिया गया. दोनों देशों में राजनीति अलग दिशाओं में चली गई और उसका नतीजा इस विवाद के रूप में जन्म ले रहा है."
अमेरिका के साथ संबंध बेहतर
एस जयशंकर ने कहा कि अमेरिका में बदलाव को समझने की समझदारी है और इसलिए 2017 में जब क्वाड बना था तब अमेरिका संबंध आगे बढ़ाने को लेकर हिचकिचाहट दिखा रहा था. मगर पिछले सात सालों में क्वाड काफी बढ़ा है.
उन्होंने कहा कि अमेरिका की ही तरह यूरोप के भी कई देश हैं जिन्हें भारत का महत्व समझ आ गया है और वह कहते हैं कि भारत के साथ संबंध रखना दोनों के हित में है.
रूस के साथ संबंध भारत के लिए ज़रूरी
रूस से संबंध के बारे में चर्चा करते हुए जयशंकर ने कहा कि भारत के लिए रूस के साथ आर्थिक और रणनीतिक संबंध रखना बहुत ज़रूरी है, और यही वजह है कि प्रधानमंत्री मोदी भी रूस का दौरा कर रहे हैं.
चीन के बारे में
भारत और चीन के बीच LAC पर पैट्रोलिंग को लेकर हुए समझौते को लेकर पूछे गए सवाल पर विदेश मंत्री ने इसे एक अच्छी प्रगति बताया. उन्होंने साथ ही कहा, "भारत या चीन जैसे कई बड़े देशों के बीच अलग-अलग दृष्टिकोण हैं. टकराव होगा और यह इतना आसान नहीं होगा. लेकिन ये समझौता बहुत अहम है. हम 2020 में जो गश्त कर रहे थे, उस स्थिति तक वापस जाने में सक्षम होंगे."
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पाकिस्तान के बारे में क्या कहा
पाकिस्तान के साथ संबंध के बारे में एस जयशंकर ने कहा कि पिछले दिनों वह SCO की बैठक में हिस्सा लेने पाकिस्तान गए थे, क्योंकि यह बैठक पाकिस्तान की अध्यक्षता में हो रही थी जिसे भारत का समर्थन था. उन्होंने कहा, "हम गए वहां, सबसे मिले, हाथ मिलाया और वापस चले आए."
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पीएम मोदी ने किया NDTV वर्ल्ड समिट का शुभारंभ
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो दिन के एनडीटीवी वर्ल्ड समिट का शुभारंभ किया. प्रधानमंत्री ने इस शिखर सम्मेलन में NDTV के नए टीवी चैनल 'एनडीटीवी वर्ल्ड' को भी लॉन्च किया. यह NDTV ग्रुप का 7वां चैनल है, जो 80 देशों में देखा जाएगा.
इस सम्मेलन में भारत के प्रधानमंत्री समेत चार देशों के प्रधानमंत्री और देश-दुनिया के बड़े चेहरे हिस्सा ले रहे हैं. सम्मेलन में भूटान के पीएम दाशो शेरिंग तोबगे और बारबाडोस की प्रधानमंत्री मिया मोटली के अलावा ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री लॉर्ड डेविड कैमरन शामिल हुए हैं. इसमें कई बड़े कारोबारी, फिल्म और साहित्य जगत की बड़ी हस्तियां भी शिरकत कर रही हैं.
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