Rajasthan News: समरावता हिंसा के 55 दिन बाद टोंक जेल से बाहर आए नरेश मीणा के 18 समर्थकों का मंगलवार रात जोरदार स्वागत किया गया. उन्हें जेल से सीधे नरेश मीणा के कार्यालय ले जाया गया, जहां पहले जमकर आतिशबाजी की गई और फूल मालाएं पहनाई गईं. इस दौरान समर्थकों का कहना था, ''नरेश भाई को रिहा नहीं किया तो आग भड़क सकती है'.'
सोमवार को टोंक जिला एवं सत्र न्यायालय ने समरावता कांड में बंद 19 में से 18 आरोपियों को जमानत दी थी, जबकि 18 समर्थकों की मंगलवार रात को रिहाई हुई. हालांकि मुख्य आरोपी नरेश मीणा की जमानत अर्जी खारिज होने की वजह से वे अभी भी जेल में बंद हैं. इससे पहले समरावाता कांड के 39 आरोपियों को हाईकोर्ट से और 4 नाबालिगों को पहले ही जमानत मिल चुकी है.
'किरोड़ी लाल मीणा ने की वादा खिलाफी'
जेल से बाहर आये नरेश मीणा के समर्थकों ने पुलिस पर निर्दोष लोगों को गिरफ्तार किये जाने का भी आरोप लगाया है. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर सरकार नरेश मीणा को बिना शर्त रिहा नहीं करती तो बहुत जल्द बड़ा आंदोलन किया जायेगा. इस दौरान समरावता कांड के पीड़ितों को मुआवजा दिये जाने व न्यायिक जांच की मांग भी उठायी गयी. नरेश मीणा के समर्थकों ने जेल में उनसे मिलने आये मंत्री किरोड़ी लाल मीणा पर वादा ख़िलाफी का भी आरोप लगाया. समर्थकों का कहना था कि किरोड़ी लाल मीणा जेल में किये वादों से मुकर गए.
उपचुनाव की वोटिंग के दौरान हुई थी घटना
समरावता गांव में 13 नवंबर को देवली-उनियारा सीट पर उपचुनाव के दौरान मतदान बहिष्कार के बीच हिंसा और आगजनी हुई थी. निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा द्वारा एरिया मजिस्ट्रेट अमित चौधरी को थप्पड़ मारने के बाद विवाद काफी बढ़ गया था. मतदान खत्म होने के बाद गांव में आगजनी की घटना हुई थी, जिसमें कई वाहन जलाए गए थे. जिसके बाद पुलिस बल की मौजूदगी में नरेश मीणा की गिरफ्तारी हुई थी. तब से नरेश मीणा जेल में बंद हैं.
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