Ajmer URS 2025: राजस्थान के अजमेर में स्थित ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह पर चल रहे 813वें उर्स में शामिल होने आए पाकिस्तानी जायरीन यहां की व्यवस्था से खासे खुश नजर आ रहे हैं. सोमवार देर रात पाकिस्तान से अजमेर पहुंचे 89 जायरीन को अजमेर में कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था के बीच ठहराया गया है. सरकार और प्रशासन की ओर से सख्त निर्देश है कि पाकिस्तान से आए जायरीनों को कोई तकलीफ ना हो. पाकिस्तानी जायरीनों की सुरक्षा के लिए 600 से अधिक जवानों की तैनाती की गई है. जो यह मुकम्मल कर रहे हैं कि विदेशी मेहमानों को कहीं भी किसी भी प्रकार की परेशानी ना उठाना पड़े.
सोमवार रात पाकिस्तान के 89 जायरीन पहुंचे अजमेर
मालूम हो कि पाकिस्तानी जायरीनों का जत्था सोमवार को अमृतसर से विशेष ट्रेन से अजमेर पहुंचा. इसमें दो दूतावासों के लोगों समेत करीब 89 जायरीन शामिल थे. इन सभी को शहर के चूड़ी बाजार स्थित सेंट्रल गर्ल्स स्कूल में जीआरपी, आरपीएफ और राजस्थान पुलिस ने कड़ी सुरक्षा के बीच रोककर आवश्यक कार्रवाई की. मंगलवार को पाकिस्तानी जायरीन दरगाह पर जियारत में शामिल हुए.
हर साल अजमेर के उर्स में पाकिस्तान से आते हैं जायरीन
पाकिस्तानी ज़ायरीनों की चादर अजमेर दरगाह एक महत्वपूर्ण धार्मिक परंपरा है. जिसमें पाकिस्तान से आने वाले जायरीन हर साल अजमेर शरीफ की दरगाह पर चादर चढ़ाने के लिए जाते हैं. यह परंपरा उर्स के अवसर पर खासतौर पर देखने को मिलती है, जब पाकिस्तानी जायरीनों का एक समूह दरगाह शरीफ पर चादर चढ़ाने के लिए अजमेर आता है.
हम बेहद खुशकिस्मत कि ख्वाजा के दर पर पहुंचेः पाकिस्तानी जायरीन
पाकिस्तान से अजमेर पहुंचे जायरीनों ने कहा हम बेहद खुशकिस्मत हैं कि हमें ख्वाजा के दर आने का मौका मिला. अजमेर में पुलिस और प्रशासन के पुख्ता इंतजाम देखकर जायरीन काफी प्रसन्न नजर आए. उन्होंने अजमेर शहर को काफी खूबसूरत और अजमेर के लोगों को नेक दिल वाला बताया.
पाकिस्तानी जायरीन ने पीएम मोदी को कहा शुक्रिया
कराची से आए जायरीन सैयद फराज इलाकत ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि भारत में उनके अजमेर आने को लेकर जो व्यवस्था की गई है, वह काफी काबिले तारीफ है. सैयद फराज इलाकत सहित अन्य पाकिस्तानी जायरीनों ने ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह में चादर पेश कर देश-दुनिया में अमन चैन और पाकिस्तान व भारत की उन्नति की दुआ मांगी.
भारत-पाकिस्तान के बीच मैच की जायरीनों ने की मांग
पाकिस्तान से आए जायरीनों मीडिया से बात करते हुए यहां की व्यवस्था को बेहतर बताया. इस दौरान उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच का आयोजन कराने की भी मांग की. मालूम हो कि दोनों देशों के बीच क्रिकेट काफी सालों से बंद है. काफी इंतजार के बाद क्रिकेट फैंस को आईसीसी के बड़े टूर्नामेट में दोनों देशों की टक्कर देखने को मिलती है.
पीएम मोदी सहित कई नेताओं के चादर चढ़ें
इधर अजमेर दरगाह के 813वें उर्स पर पीएम मोदी सहित अन्य नेताओं के चादर चढ़ने का सिलसिला जारी है. पिछले दिनों पीएम मोदी ने भी ख्वाजा की शान में चादर भेजी थी, जिसे केंद्रीय मंत्री किरण रिजिजू ने दरगाह पर पेश किया था. इसके बाद चादर पेश करने का सिलसिला जारी है. अब तक रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, राजस्थान के सीएम भजन लाल शर्मा, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे और तमिलनाडु के सीएम चादर चढ़ाकर ख्वाजा से देश में अमन, चैन और खुशहाली की दुआ मांग चुके हैं.
अजमेर दरगाह पर चादर चढ़ाने की क्या है परंपरा
अजमेर दरगार पर चादर चढ़ाना एक प्रकार की श्रद्धा का प्रतीक है, जो दरगाह के सूफी संत हज़रत ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के प्रति सम्मान व्यक्त करता है. यह परंपरा धार्मिक और सांस्कृतिक एकता का प्रतीक मानी जाती है, क्योंकि इसमें दोनों देशों के लोग एक साथ मिलकर धार्मिक श्रद्धा दिखाते हैं. इस अवसर पर पाकिस्तान और भारत दोनों देशों के लोग आपस में भाईचारे का संदेश भी फैलाते हैं.
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