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कल अजमेर दरगाह पर चढ़ेगी PM मोदी की चादर, सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती बोले- यह हिंदू-मुस्लिम करने वालों को संदेश

अजमेर शरीफ दरगाह में सालाना उर्स शुरू हो गया है. जहां देश भर से लोग चादर चढ़ाने आते हैं. वहीं गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी अपनी चादर भेज रहे हैं. प्रधानमंत्री मोदी पिछले 10 सालों से दरगाह में चादर भेजते हैं.  इस पर सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने कहा कि यह उन लोगों के लिए भी जवाब है जो मंदिर-मस्जिद के विवाद को हवा देते हैं.

कल अजमेर दरगाह पर चढ़ेगी PM मोदी की चादर, सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती बोले- यह हिंदू-मुस्लिम करने वालों को संदेश
अजमेर दरगाह पर चढ़ेगी PM मोदी की चादर.

Ajmer Dargah News: राजस्थान के अजमेर में उर्स का वार्षिक शुरू हो गया है. जिसमें देश भर से बड़े-बड़े अभिनेता और राजनेता की चादर आने लग गई. इसी क्रम में 4 जनवरी को देश के प्रधानमंत्री की चादर दरगाह में चढ़ाई जाएगी. जिसको अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू अजमेर लेकर आएंगे.

जिसके लिए अखिल भारतीय सूफी सज्जादानशीन परिषद के अध्यक्ष सैयद नसीरुद्दीन चिश्ती ने प्रधानमंत्री की ओर से अजमेर शरीफ दरगाह में चादर चढ़ाने का स्वागत किया है. उन्होंने कहा कि यह परंपरा पुरानी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी इस परंपरा का 10 सालों से निर्वहन कर रहे हैं. 

1947 से चली अआ रही है परंपरा

नसीरुद्दीन ने आगे कहा कि यह एक पुरानी परंपरा रही है. 1947 में जब से देश आजाद हुआ है, तब से जो भी भारत का प्रधानमंत्री होता है वह सालाना उर्स के मौके पर चादर भेजता है. यह परंपरा हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद बनाए रखी है. यह हिंदुस्तान की संस्कृति और सभ्यता का हिस्सा है, जिसमें हर धर्म, हर संप्रदाय और हर सूफी संत का सम्मान किया जाता है.

10 वर्षों से चादर भेज रहे प्रधानमंत्री 

अध्यक्ष सैयद ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले 10 वर्षों से इस परंपरा को न केवल जारी रखा है, बल्कि इसे पूरी श्रद्धा और अकीदत के साथ निभाया है. आज भी हमारे पास जानकारी है कि प्रधानमंत्री मोदी अल्पसंख्यक मंत्री किरेन रिजिजू को गुरुवार की शाम चादर सौंपेंगे.

यह एक सकारात्मक संदेश है और उन लोगों के लिए जवाब है, जो कुछ महीनों से मंदिर-मस्जिद के विवाद को हवा दे रहे हैं. हमारा देश की सभ्यता और संस्कृति यही है कि सभी धर्मों और मजहबों का सम्मान किया जाए. 

हिंदू-मुस्लिम करने वालों के लिए जबाब

प्रधानमंत्री मोदी का 'सबका साथ, सबका विकास, सबका सम्मान' का सिद्धांत इस परिप्रेक्ष्य में महत्वपूर्ण है. यह एक सकारात्मक संदेश है और मैं हमेशा इसका समर्थन करता रहूंगा. जब चादर आएगी तो हम उसकी मेजबानी के लिए तैयार रहेंगे.यह उन लोगों को जवाब है, जो देश को तोड़ने की बात कर रहे हैं और मजहब के नाम पर विवाद खड़ा कर रहे हैं.

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