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Rajasthan: किसी के जीभ के आर-पार लोहे का सरिया, किसी की निकली आंख; अजमेर शरीफ दरगाह में हैरतअंगेज दृश्य देख उड़ गए होश

हैरतअंगेज करतब देख लोग अचंभित हुए. यहां देश के कोने-कोने से मलंगों बाबाओं की ओर से लाई हुई छड़िया व झंडे आस्ताना के दरवाजे पर लगाए गए. 

Rajasthan: किसी के जीभ के आर-पार लोहे का सरिया, किसी की निकली आंख; अजमेर शरीफ दरगाह में हैरतअंगेज दृश्य देख उड़ गए होश
अजमेर दरगाह में हैरतअंगेज करतब

Rajasthan News: अजमेर की प्रसिद्ध गरीब नवाज हजरत ख्वाजा मोइनुद्दीहसन चिश्ती की दरगाह में 813वां उर्स शुरू हो गया. देशभर से लाखों की संख्या जायरीन ख्वाजा दरगाह में हाजिरी देने पहुंचे. उर्स के खास मौके हजारों किलोमीटर नंगे पैर पैदल चल कर आए कलंदरों का जत्था भी ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह पहुंचा. गेगल टोल प्लाजा के पास सर्वधर्म एकता समिति के अध्यक्ष सैय्यद खुश्तर चिश्ती ने कलंदरों का स्वागत किया. कलंदर घूघरा स्थित रोशन अली शाह पीर की दरगाह होते हुए गरीब नवाज के चिल्ले पर पहुंचे. इस दौरान कलंदरों ने हैरतअंगेज कारनामे दिखाए.

कलंदरों ने दिखाए करतब

बुधवार को उर्स के मौके पर छड़ियों का जुलूस बैंड बाजे ढोल ढमाकों के साथ निकला. इसमें देश के कई राज्यों से मलंग कलंदर और जायरीन पैदल दरगाह पहुंचे. दोपहर 3 बजे गंज स्थित उस्मानी चिल्ला से जुलूस रवाना होकर सूफी सेन्ट स्कूल के सामने से होकर ऋषि घाटी पहुंचे. यहां से उस्मानी मोइनुद्दीन गुदड़ी शाह खानकाह के सज्जादानशीन हजरत इमाम हसन गुदड़ी शाह बाबा पंचम की अध्यक्षता में दरगाह शरीफ में प्रवेश किया. दिल्ली के महरौली में इकट्ठा होकर आए कलंदरों ने अजमेर में जुलूस के दौरान एक से बढ़कर एक करतब दिखाए.

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जीभ में लोहे का सरिया आर-पार

किसी ने चाकू से अपनी आंख का हिस्सा बाहर निकाला तो किसी ने अपनी जीभ के आर पर लोहे का सरिया कर दिया. कोई छाती पर तलवार घुस आते हुए नजर आया तो किसी ने गले के अंदर लोहे का सरिया आर पार कर दिया. यह सभी हैरतअंगेज करतब देख लोग अचंभित हुए. यहां देश के कोने-कोने से मलंगों बाबाओं की ओर से लाई हुई छड़िया व झंडे आस्ताना के दरवाजे पर लगाए गए. छड़ी के जुलूस के दौरान दरगाह और दिल्ली गेट के आसपास के व्यापारियों ने अपने स्तर पर मलंगों और जरिए का माला पहनकर स्वागत किया. किसी ने चाय कॉफी की व्यवस्था की तो किसी ने नाश्ते की व्यवस्था कलंदरों को की. 

कोलकाता से आए सकावत अली ने बताया कि कई साल पहले एक अग्निकांड में उनके दोनों हाथ झुलस गए थे. चिकित्सकों ने उपचार के दौरान हाथों में जहर फैलने के कारण उसके दोनों हाथों की कलाई काट दी थी. उसके बाद से ही वह बॉम्बे की लोकल ट्रेन में खाने पीने का सामान बेच कर परिवार का भरण पोषण करते हैं और घर में बीवी बच्चे सभी हैं. वह पिछले 14 साल से इसी तरीके से मोटरसाइकिल चला कर करीब 2000 किलोमीटर बाइक चलाते हुए ख्वाजा गरीब नवाज के सालाना उर्स में कलंदरों के साथ आते हैं. 

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संदल लेने के लिए जायरीन में मची होड़

मंगलवार रात को रात दरगाह में संदल लेने के लिए जायरीन में होड़ मची रही. खादिमों ने संदल जायरीन में तकसीम किया. बुधवार को रजब का चांद देखने के लिए हिलाल कमेटी की बैठक होगी. चांद नजर आया तो बड़े पीर की पहाड़ी से तोप दाग कर और दरगाह में शादियाने बजा कर चांद की घोषणा की जाएगी. चांद नजर नहीं आने पर गुरुवार रात को पहली महफिल के साथ ही उर्स के रसूमात शुरू हो जाएंगे.

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