![राजस्थान में अनूठा ऑपरेशन लल्लनटॉप: किसान, मजदूर, नारियलवाला बनकर की रेकी, फिर खुला 12 साल पुरानी मर्डर मिस्ट्री का राज! राजस्थान में अनूठा ऑपरेशन लल्लनटॉप: किसान, मजदूर, नारियलवाला बनकर की रेकी, फिर खुला 12 साल पुरानी मर्डर मिस्ट्री का राज!](https://c.ndtvimg.com/2024-02/i0hagrn_big-image_640x480_11_February_24.jpg?downsize=773:435)
Johdpur Munim Murder Case: जोधपुर के फलौदी थाना क्षेत्र में 12 वर्ष पूर्व सोनामुखी की फैक्टरी मुनीम की हत्यारे को पकड़ने में चलाई गई ऑपरेशन लल्लन टॉप सुर्खियों में है. सभी की जुबान ऑपरेशन लल्लनटॉप के नामकरण को लेकर कौतुहल है. यह कौतुहल इसलिए भी अधिक है, क्योंकि किसी मर्डर केस की जांच के लिए ऑपरेशन लल्लनटॉप के लिए अटपटा लगता है. यही कारण है कि लोग नामकरण के पीछे की कहानी जानना चाहते हैं.
ऐसे हुआ मुनीम मर्डर मिस्ट्री के लिए गठित केस का नामकरण
IG विकास कुमार ने बताया कि मुनीम हत्याकांड के मुख्य आरोपी क्रमशः लालदेव, उदय और नरेश से 'लल्लन' और खोजबीन में शामिल क्षेत्र में क्रमशः तेलंगाना, ओडिसा और पंजाब को मिलाकर टॉप बनाया. निःसंदेह किसी मर्डर केस की जांच के लिए ' ऑपरेशन लल्लन टॉप' का नामकरण बिल्कुल नाय है अनूठा है, जो लोगों चर्चा का विषय बन गया है.
हत्यारों की पड़ताल के लिए पुलिसवालों को कई बार बदलना पड़ा भेष
ऑपरेशन लल्लन टॉप के दौरान फलौदी पुलिस को पंजाब में लुधियाना आरोपी की छानबीन के लिए पुलिस कभी किसान, तो कभी मजदूर बनकर रेकी की.वहीं, पंजाब के लुधियाना में सेटल एक आरोपी की जानकारी जुटाने के लिए तेलंगाना में पुलिसकर्मी ने नारियलवाला बनकर नारियल का ठेला लगाकर नारियल पानी तक बेंचा.
![Latest and Breaking News on NDTV Latest and Breaking News on NDTV](https://c.ndtvimg.com/2024-05/895kvvu8_jodhpur_625x300_08_May_24.jpeg?im=FaceCrop)
तेलंगाना गई जोधपुर पुलिस को हत्यारों की पहचान पुख्ता करने के लिए चुनाव और फलौदी सट्टा बाजार कनेक्शन पर चर्चा शुरू की. पुलिस की चाल में एक आरोपी फंस गया. वह फलौदी सट्टा बाजार के बारे में सटीक बातें करने लग गया, चूंकि हत्यारे करीब 6 माह तक फलोदी के खींचन में रह चुके थे. यकीन होते ही पुलिस तीनों को गिरफ्तार करने में सफल रही.
डेढ़ लाख लूटने के लिए आरोपियों ने रची थी मुनीम की हत्या की साजिश
आईजी रेंज जोधपुर विकास कुमार ने ऑपरेशन लल्लन टॉप को ऐतिहासिक करार देते हुए बताया कि 12 वर्ष पूर्व हुए हत्याकांड के दौरान न ही मोबाइल था और तकनीक इतनी थी और न ही सीसीटीवी कैमरे थे. इससे फरार मुल्जिमों के नाम पते और फोटो भी उपलब्ध नहीं थे, लेकिन पुराने नुस्खों का इस्तेमाल कर पुलिस उन्हें पकड़ने में सफल हुई.
आरोपियों के खिलाफ जोधपुर पुलिस ने रखे थे 40-40 हजार के इनाम
पुलिस ने 12 साल पूर्व घटित इस हत्या और लूट की वारदात को खोलने के लिए तीनों हत्यारों के खिलाफ 40-40 हजार के इनाम भी रखे थे. काफी समय तक पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए बिहार, आंध्रप्रदेश और पंजाब तक तलाश की, लेकिन अब जाकर तीनों नामजद आपियों लालदेव, उदय और नरेश को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की.
![Latest and Breaking News on NDTV Latest and Breaking News on NDTV](https://c.ndtvimg.com/2024-05/3f4dhk78_rajasthan-police_625x300_08_May_24.jpg?im=FaceCrop)
जोधपुर रेंज आईजी के मुताबिक प्रारंभिक जांच पड़ताल में आरोपियों के नक्सलियों से संबंध भी उजागर हुए और नक्सलियों के लिए वसूली, हत्या, हत्या प्रयास, डरा धमकाकर वसूली करने के भी मुकदमे हैं. आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए और उनके परिवार तक पहुंचने के लिए पुलिसकर्मियों को अपनी कार्यप्रणाली भी बदलनी पड़ी.
फलौदी खींचन गांव के सोनामुखी फैक्ट्री में बतौर श्रमिक काम करते थे हत्यारे
आईजी जोधपुर रेंज विकास कुमार ने बताया कि मुनीम हत्याकांड के तीनों मजदूरी छोड़कर कोई बड़ा व्यापार करना चाहते थे, लेकिन धन की जरूरत थी और इसलिए फलौदी खींचन गांव में स्थित सोनामुखी फैक्ट्री में बतौर श्रमिक जुड़ गए और मौका देखकर फैक्टरी मुनीम की हत्याकर उसके पास मौजूड डेढ़ लाख रुपए लेकर फरार हो गए.
![Latest and Breaking News on NDTV Latest and Breaking News on NDTV](https://i.ndtvimg.com/i/2016-04/murder-generic_650x400_61461408724.jpg)
फैक्टरी में लाखों के लेन-देन देखकर आरोपीयों ने वारदात को दिया अंजाम
फैक्टरी का अधिकांश लेन-देन मुनीम कोजाराम करता था. तीनों आरोपियों ने मुनीम को विश्वास में लेकर साथ खाना पीना शुरु कर दिया और गत 12 दिसंबर 2012 को लूट की नीयत से नशे में धुत कोजाराम की गला घोंटकर हत्या कर उसकी लाश फैक्टरी में सोनामुखी से भरी बोरियों के नीचे दबाकर नकदी लेकर फरार हो गए थे.
आरोपियो को दबोचने में 12 अधिकारी व जवानों ने निभाई बड़ी भूमिका
फैक्टरी मुनीम हत्याकांड का पर्दाफाश करने में जोधपुर रेंज के करीब 12 अधिकारी व जवानों ने भूमिका निभाई. इसके साथ बिहार, यूपी, तेलंगाना, पंजाब पुलिस का भी सहयोग रहा. प्रारंभिक पूछताछ में तीनों आरोपियों ने करीब एक दर्जन वारदातें विभिन्न प्रदेशों व थाना क्षेत्रों में करना कुबूल किया है.