
राजस्थान हाईकोर्ट (जोधपुर) ने आसाराम की जमानत की अवधि को बढ़ाने से इनकार कर दिया. सिविल अस्पताल अहमदाबाद की रिपोर्ट को आधार हाईकोर्ट ने आदेश दिया. रेप के मामले में आसाराम आजीवन कारावास की सजा काट रहा है. अब 30 अगस्त को आसाराम को सेंट्रल जेल में सरेंडर करना होगा. आवश्यकता पड़ने पर आसाराम दोबारा आवेदन कर सकता है. जस्टिस दिनेश मेहता और जस्टिस विनीत कुमार माथुर की डबल बेंच ने फैसला सुनाया.
मेडिकल रिपोर्ट के आधार फैसला
आसाराम ने खराब स्वास्थ्य के आधार पर हाईकोर्ट ने आसाराम की अंतरिम जमानत की अवधि को 29 अगस्त तक बढ़ा दिया था. अंतरिम जमानत बढ़ाने के लिए फिर आवेदन किया था, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया. आसाराम के स्वास्थ्य की जांच अहमदाबाद के सरकारी अस्पताल के तीन डॉक्टरों की टीम ने जांच करके रिपोर्ट दी. मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर आज (27) अगस्त को जमानत की अवधि को आगे बढ़ाने इनकार कर दिया.
आसाराम काट रहा उम्रकैद की सजा
आसाराम को दो मामलों में उम्रकैद की सजा मिली है. पहले मामले में आसाराम को 2013 में जोधपुर में नाबालिग लड़की से बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और बाद में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी.
दूसरे मामले में सूरत की एक महिला ने उस पर गुजरात के गांधीनगर आश्रम में उसके साथ बार-बार बलात्कार करने का आरोप लगाया था. इस मामले में भी उसे दोषी ठहराया गया और जनवरी 2023 में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई.
6 महीने की स्थायी जमानत मांगी थी
86 साल के आसाराम ने दोनों मामलों में 6 महीने की स्थायी जमानत मांगी थी. लेकिन गुजरात हाईकोर्ट ने सिर्फ 3 महीने की जमानत मंजूर की थी. इसके बाद आसाराम ने राजस्थान हाईकोर्ट से जमानत के लिए याचिका लगाई थी. दोनों कोर्ट से मंजूरी मिलने के बाद ही वो इलाज के लिए जोधपुर जेल से बाहर आया था.
आसाराम को क्या बीमारी है?
कोर्ट में पेश की गई जोधपुर AIIMS की एक रिपोर्ट के अनुसार, आसाराम को कोरोनरी आर्टरी डिजीज है, जिसकी वह "हाई रिस्क श्रेणी" में आता है. इन रिपोर्टों के अनुसार, आसाराम को विशेष नर्सिंग देखभाल, करीबी निगरानी, नियमित रूप से एंडोक्रिनोलॉजिस्ट और नेफ्रोलॉजिस्ट से काउंसलिंग की जरूरत है.
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