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Operation Sindhu: ईरान से निकाले गए 110 भारतीय छात्र दिल्ली पहुंचे, कहा- 'अपनों को देखने की खुशी बयां नहीं कर सकता'

ईरान से निकाले गए 110 भारतीय छात्र दिल्ली पहुंच गए हैं. इसमें राजस्थान में रहने वाले स्टूडेंट भी शामिल हैं.

Operation Sindhu: ईरान से निकाले गए 110 भारतीय छात्र दिल्ली पहुंचे, कहा- 'अपनों को देखने की खुशी बयां नहीं कर सकता'
ईरान से निकाले गए 110 भारतीय छात्र दिल्ली पहुंचे.

Rajasthan News: इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच भारत सरकार ने अपने नागरिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ऑपरेशन सिंधु (Operation Sindhu) शुरू किया है. इस ऑपरेशन के तहत ईरान से 110 भारतीय छात्रों को सुरक्षित निकालकर दिल्ली लाया गया है, जिनमें से एक छात्र का परिवार राजस्थान के कोटा (Kota) से है. ईरान से सुरक्षित निकाले गए छात्रों ने अपनी आपबीती सुनाते हुए बताया कि कैसे उन्होंने मिसाइलों और ड्रोन की आवाजें सुनीं और कैसे वे अपने घरों में कैद हो गए थे. 

'MBBS करने गया था ईरान'

कोटा से आए एक छात्र के पिता ने इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर मीडिया से बातचीत में बताया कि वे अपने बेटे की सुरक्षित वापसी से बहुत खुश हैं और उन्होंने सरकार की कोशिशों की सराहना की. उन्होंने कहा, 'मेरा बेटा एमबीबीएस का छात्र था और ईरान में पढ़ाई कर रहा था. मैं उसे लेने आया हूं और बहुत खुश हूं कि वह सुरक्षित घर वापस आ रहा है.'

सरकार ने भेजा था विशेष विमान

भारत सरकार ने ऑपरेशन सिंधु के तहत ईरान में फंसे भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकालने के लिए विशेष विमान भेजा है. इस ऑपरेशन के तहत छात्रों को पहले आर्मेनिया ले जाया गया, जहां से उन्हें विशेष विमान से दिल्ली लाया गया. सरकार ने आश्वासन दिया है कि ईरान में फंसे हुए अन्य छात्रों को भी सुरक्षित निकाला जाएगा. छात्रों के परिवार वाले सरकार से उन छात्रों की मदद करने का आग्रह कर रहे हैं जो अभी भी ईरान में फंसे हुए हैं, खासकर तेहरान में.

'भारत सरकार ने अच्छा काम किया'

सुरक्षित निकाले गए छात्रों ने अपने परिवारों से मिलकर खुशी जाहिर की और सरकार का आभार व्यक्त किया. एक छात्र ने कहा, 'मैं बहुत खुश हूं कि मैं अपने परिवार के साथ हूं. सरकार ने हमारी सुरक्षा के लिए बहुत अच्छा काम किया है.'

हॉस्टल की खिड़की से मिसाइलें देखीं

ईरान से वापस भारत लौटे छात्रा मरियम रोज ने कहा, 'भारतीय दूतावास ने हमारे लिए पहले से ही हर चीज की तैयारी कर रखी थी. हमें किसी भी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ा. हम तीन दिनों के लिए यात्रा कर रहे हैं, इसलिए हम थके हुए हैं. जब हम निकले थे, तब उर्मिया में स्थिति इतनी खराब नहीं थी. हम अपने हॉस्टल की खिड़कियों से मिसाइलें देखते थे.'

'विदेश मंत्रालय के बहुत आभारी हैं'

एक अन्य छात्र ने कहा, 'मैं उर्मिया विश्वविद्यालय में एमबीबीएस का अंतिम वर्ष का छात्र हूं. हमने ड्रोन और मिसाइलें देखीं. हम डर गए थे. हम भारत लौटकर खुश हैं और भारत सरकार, खासकर विदेश मंत्रालय के बहुत आभारी हैं. हमारे माता-पिता भी चिंतित थे, लेकिन अब वे खुश हैं.'

'ईरान में स्थिति बहुत खराब है'

छात्र अमान अजहर ने युद्ध की आलोचना की और कहा कि बच्चे पीड़ित हैं. उसने कहा, 'मैं शब्दों में बयां नहीं कर सकता कि मैं अपने परिवार से मिलकर कितना खुश हूं. ईरान में स्थिति बहुत खराब है. वहां के लोग भी हमारे जैसे ही हैं. छोटे-छोटे बच्चे भी हैं जो तकलीफ में हैं. युद्ध अच्छी चीज नहीं है. यह मानवता को खत्म कर देता है.'

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