आज के समय में पेट्रोल और डीजल के बिना जीवन की कल्पना करना संभव ही नहीं है. एनर्जी के इन सोर्सेस के बिना जीवन मानो रुक सा जाता है. ये वैसा ही कुछ है कि आपके पास कार या बाइक तो है लेकिन वो आपको कहीं ले जा नहीं सकती. क्योंकि आप चाहकर भी पेट्रोल-डीजल नहीं खरीद सकते. आज राजस्थान के अधिकांश जिलों में लोगों ने इस परेशानी को झेला. कारण था- पेट्रोल पंप संचालकों का हड़ताल. दरअसल पड़ोसी राज्यों इतना वैट और कमीशन बढ़ाए जाने की मांग पर राजस्थान के पेट्रोल पंप संचालकों ने दो दिवसीय हड़ताल की है. आज इस हड़ताल के पहले दिन प्रदेश के अधिकांश जिलों में पेट्रोल पंप बंद रहे. ऐसे में लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा.
बारां जिले में पेट्रोल पंप संचालकों ने की हड़ताल
बारां में पेट्रोल पंप सबेरे 10:00 बजे से ही बंद रहे. पेट्रोल पंप गुरुवार को भी सवेरे 10:00 से शाम 6:00 बजे तक बंद रहेंगे. मांग नहीं माने जाने पर पेट्रोल पंप संचालकों ने 15 सितंबर से पेट्रोल पंप बंद कर पूर्ण हड़ताल पर उतरने की चेतावनी भी दी है.
अन्य राज्यों की तुलना में वैट सबसे ज्यादा है
राजस्थान में अन्य राज्यों की अपेक्षा पेट्रोल और डीजल पर सबसे अधिक वैट अधिक होने से पेट्रोल और डीजल के दाम बाकी राज्यों की अपेक्षा अधिक है. ऐसे में बारां पेट्रोलियम डीलर संघ पेट्रोल और डीजल पर वैट कम करने की मांग को लेकर बुधवार से गुरुवार तक दो दिन के लिए सवेरे 10:00 से शाम 6:00 बजे तक अपने पेट्रोल पंप बंद कर हड़ताल पर उतर आए हैं.
लोगों को करना पड़ रहा दिक्कतों का सामना
साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी मांग नहीं माने जाने पर 15 सितंबर से पूर्णतया हड़ताल पर उतरने की चेतावनी दी है. पेट्रोल पंप बंद की घोषणा के साथ ही मंगलवार शाम से ही बुधवार सवेरे 10:00 बजे तक पेट्रोल पंप पर पेट्रोल डीजल लेने के लिए लोगों की खासी भीड़ रही. वहीं 10:00 बजे बाद पेट्रोल डीजल नहीं मिलने से लोग पेट्रोल पंप के चक्कर काटते रहे जिन्हें बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ा.
सीमावर्ती जिलों से कर रहे है आपूर्ति
बारां जिले के पेट्रोलियम डीलर संघ अध्यक्ष महेंद्र सिंह ने बतलाया कि प्रदेश के समीप जो राज्य हैं, उनमें पेट्रोल और डीजल पर वेट कम है. और राजस्थान में सबसे ज्यादा है जिसके कारण लोग सीमावर्ती अन्य प्रदेश से डीजल पेट्रोल लाकर बेच रहे हैं. जिससे उन्हें नुकसान हो रहा है. उनकी मुख्यमंत्री से मांग है कि राजस्थान में भी वेट में राहत प्रदान करें ताकि आमजन को भी राहत मिल सके.
बीते 6 वर्षों से कमीशन नहीं बढ़ा
साथ ही डीलर कमीशन पिछले 6 वर्ष से नहीं बड़ा है. उनकी राज्य और केंद्र सरकार से यह भी मांग है कि डीलर कमीशन को बढ़ाया जाए. उन्होंने बताया कि अभी दो दिन सांकेतिक हड़ताल है, सरकार अगर मांग नहीं मानती है तो 15 सितंबर से वह पेट्रोल पंप पूर्णतया बंद कर, अनिश्चितकालीन हड़ताल पर उतरेंगे.
जोधपुर में भी लोगों को काफी परेशानी हुई
आमजन को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है. हड़ताल शुरू होने से पहले तक पेट्रोल पंपों पर तेल भरवाने के लिए वाहनों की लंबी कतारें लगी रही. पेट्रोल पंप में प्रवेश करने वाले सभी द्वार पर बेरिकेटिंग लगाकर और रस्सियों से रास्ता बंद कर दिया गया.
एम्बुलेंस सहित अन्य इमरजेंसी सेवाएं इससे मुक्त
कई लोग अपने वाहन लेकर पेट्रोल पंप के चक्कर लगाते रहे लेकिन उनको पेट्रोल नहीं मिला. एम्बुलेंस सहित अन्य इमरजेंसी सेवाएं इससे मुक्त रखी गई है. पेट्रोल पंपों की हड़ताल को देखते हुए आज सुबह दस बजे तक पेट्रोल पंपों पर वाहन चालकों की भीड़ रही पंपों पर वाहनों की कतारें लग गई विशेषकर दुपहिया वाहनों की भीड़ लग गई हालांकि वाहन चालक शाम छह बजे के बाद कल सुबह दस बजे तक पेट्रोल-डीजल आसानी से ले सकते हैं.
पेट्रोल पर 31 प्रतिशत और डीजल पर 22 प्रतिशत है वैट
वर्तमान में पेट्रोल पर वैट की दर करीब 31 प्रतिशत और डीजल पर करीब 22 प्रतिशत है. जो पड़ोसी राज्यों से ज्यादा है. जिसके कारण प्रदेश के सीमावर्ती पेट्रोल पंपों को नुकसान उठाना पड़ रहा है. डीलर कमीशन भी बीते कई सालों से नहीं बढ़ा है. पिछले लंबे वक्त से वे शांतिप्रिय तरीके से वेट कम करने की मांग कर रहे हैं लेकिन सरकार के कानों में जू तक नहीं रेंग रही. इसलिए मजबूरन अब आंदोलन की राह पर आगे बढ़ाना पड़ा है.
इसकी शुरुआत आज से कर दी जाएगी. शुरुआती चरण में दो दिन सांकेतिक तौर पर सुबह 10 से शाम 6 बजे तक पेट्रोल पंप बंद रखे जा रहे है. अगर इसके बाद भी सरकार ने हमारी मांगों को पूरा नहीं किया तो 15 सितंबर से प्रदेशभर के पेट्रोल पंप अनिश्चितकालीन वक्त तक बंद कर दिए जाएंगे.
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