
Rajasthan News: राजस्थान की छह विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में जीत हासिल करने के लिए भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने तैयारियां शुरू कर दी हैं. आज प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़ (Madan Rathore) सचिन पायलट (Sachin Pilot) के गढ़ टोंक में देवली-उनियारा सीट के लिए जिताऊ प्रत्याशी तलाशने के लिए आने वाले हैं. पिछले दो चुनावों में बीजेपी के हाथ से यह सीट फिसल रही है. ऐसे में आज राठौड़ जिला पदाधिकारियों के साथ अलग-अलग सत्र में बैठक करके जीत का फॉर्मूला तलाशेंगे.
पायलट-मीणा की जोड़ी चुनौती
एससी, एससी और गुर्जर बाहुल्य मतदाताओं वाली इस सीट पर बीजेपी के सामने सबसे बड़ी चुनौती कांग्रेस नेता सचिन पायलट और हरीश मीणा की जोड़ी है. इन दोनों नेताओं ने न सिर्फ 2018 और 2023 के चुनाव में टोंक और देवली से दो-दो चुनाव लगातार जीते, बल्कि 2024 के लोकसभा चुनावों में भी हरीश मीणा ने जीत हासिल की है. वर्तमान में देवली-उनियारा सीट के जातिगत समीकरण भी बीजेपी की मुश्किलें बढ़ाते नजर आते हैं. ऐसे में जीताऊ उम्मीदवार की तलाश करने शुक्रवार को मदन राठौड़ टोंक आ रहे हैं. जाहिर है आज देवली-उनियारा से टिकिट चाहने वालों का शक्ति प्रदर्शन भी देखने को मिलेगा.
बैठक में ये नेता भी रहेंगे मौजूद
मदन राठौड़ आज टोंक के क्रषि ऑडिटोरियम में बीजेपी की संगठनात्मक बैठक लेंगे. इस बैठक मे मुख्य रूप से देवली-उनियारा विधानसभा उपचुनाव पर चर्चा करते हुए आगे की रणनीति बनाई जाएगी. इस बैठक में प्रदेश अध्यक्ष के साथ पार्टी के प्रदेश प्रभारी राधामोहन अग्रवाल, सह प्रभारी विजया राहतकर, प्रदेश महामंत्री दामोदर अग्रवाल, जितेंद्र गोठवाल, प्रभारी मंत्री हीरालाल नागर, ओम प्रकास भड़ाना, वरिष्ठ नेता प्रभु लाल सैनी, जलदाय मंत्री कन्हैया लाल चौधरी और निवाई विधायक राम सहाय वर्मा भी उपस्थिति रहेंगे.
विधायक के सासंद बनने से उपचुनाव
टोंक-सवाईमाधोपुर से वर्तमान सांसद हरीश चंद्र मीणा ने 2023 का विधानसभा चुनाव इस सीट से लगातार दूसरी बार जीता था. उनके इस्तीफे के बाद यह सीट खाली हुई है. वह सचिन पायलट गुट के माने जाते हैं. मीणा, गुर्जर, माली, धाकड़ और एससी मतदाता बाहुल्य इस सीट का इतिहास 1993 से 2023 चुनाव से पहले यही रहा था कि जिस दल का विधायक इस सीट से चुना जाता है, राजस्थान में उसी दल की सरकार बनती है. 2003 में इस सीट से भाजपा के प्रभुलाल सैनी, 2008 में कांग्रेस के राम नारायण मीणा, 2013 में भाजपा के राजेन्द्र गुर्जर और 2018 ओर 2023 में कांग्रेस के हरीश मीणा विधायक का चुनाव जीते हैं.
टोंक 12 से ज्यादा टिकट दावेदार
राजस्थान में बीजेपी की सरकार है और देवली-उनियारा सीट के लिए पूर्व विधायक राजेन्द्र गुर्जर से लेकर विजय बैंसला, प्रभुलाल सैनी, नरेश बंसल, विक्रम गुर्जर, सीताराम पोसवाल, अलका गुर्जर, राजाराम गुर्जर, शिवजी राम जाट, राजकुमार मीणा, सुखबीर सिंह जौनापुरिया सहित एक दर्जन से ज्यादा नाम सामने आए हैं. लेकिन धरातल पर सिर्फ पूर्व विधायक राजेन्द्र गुर्जर ही बीजेपी के लिए जिताऊ चेहरे हो सकते हैं, जिन्होंने बीजेपी के लिए परिसीमन के बाद एक मात्र चुनाव इस सीट से जीता है.
देवली-उनियारा में कुल मतदाता
देवली उनियारा विधानसभा सीट पर लगभग 3 लाख 1 हजार 575 जातिगत मतदाता हैं. इनमें एसटी-मीणा मतदाताओं की संख्या लगभग 65 से 63 हजार के बीच है. इसी तरह SC मतदाता 57 से 61 हजार, गुर्जर मतदाता 54 से 57 हजार, माली मतदाता 11 से 12 हजार, ब्राह्मण मतदाता 14 से 15 हजार, जाट मतदाता 14 से 15 हजार, वैश्य मतदाता लगभग 8 हजार, राजपूत मतदाता लगभग 4 हजार, मुस्लिम मतदाता लगभग 14 हजार के साथ अन्य जातियों के लगभग 55 से 58 हजार वोटर्स हैं.
कोई महत्वपूर्ण मुद्दा नजर नहीं आता
इस क्षेत्र में कोई महत्वपूर्ण मुद्दा नजर नहीं आता. विकास और जातिगत आधार पर ही चुनाव लड़ा जाता है. भाजपा जहां गुर्जर पर दांव खेलती है, वहीं कांग्रेस मीणा जाती पर दाव खेलती रही है. इस सीट पर निर्दलीय व अन्य पार्टियों का कभी कोई खास प्रभाव नहीं रहा है. सिर्फ भाजपा और कांग्रेस के बागी उम्मीदवार ही समीकरणों को प्रभावित करते रहे हैं.
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