![Rajasthan: एक साल से अकादमियों में राजनीतिक नियुक्तियां लंबित, बजट सत्र के बाद होगा बड़ा फैसला! Rajasthan: एक साल से अकादमियों में राजनीतिक नियुक्तियां लंबित, बजट सत्र के बाद होगा बड़ा फैसला!](https://c.ndtvimg.com/2025-02/0d3j9sp_academ_625x300_10_February_25.jpg?im=FitAndFill,algorithm=dnn,width=773,height=435)
Rajasthan: राजस्थान में भाजपा सरकार के एक साल से अधिक समय होने के बाद भी में अकादमियों में राजनीतिक नियुक्तियां लंबित हैं, जिससे कला, संस्कृति और शोध कार्य प्रभावित हो रहे हैं. राजस्थान संगीत नाटक अकादमी, राजस्थान ललित कला अकादमी, राजस्थान साहित्य अकादमी, उर्दू अकादमी, सिंधी अकादमी, संस्कृत अकादमी, बृजभाषा अकादमी और बाल साहित्य अकादमी में अभी तक अध्यक्षों की नियुक्ति नहीं हो पाई है.
शोधार्थियों के कामकाज प्रभावित
इस स्थिति के कारण कलाकारों, शोधार्थियों और संस्कृति क्षेत्र से जुड़े लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री के स्तर पर मंथन चल रहा है. बजट सत्र के बाद सरकार इसे लेकर कोई फैसला कर सकती है. कला और संस्कृति से जुड़ी अकादमियों के कार्य प्रभावित हो रहे हैं. लेखकों और कला प्रेमियों के जुड़े होने से निराशा का सामना करना पड़ रहा है. स्टूडेंट्स और शोधार्थी लगातार इसकी मांग कर रहे हैं. राजस्थान में मुख्य रूप से 10 अकादमी चल रही हैं.
प्रशासनिक अधिकारी को कार्यवाहक पदभार दे रखा है
इन अकादमियों में से राजस्थान हिंदी ग्रंथ अकादमी में निदेशक का पद प्रतिनियुक्ति पर होती है, जबकि शेष 9 अकादमियों में अध्यक्ष पद पर राजनीतिक नियुक्तियां होती है. बीजेपी सरकार के गठन के बाद 10 में से 8 अकादमियों में राजनीतिक पद खाली ही पड़े हैं. प्रशासनिक अधिकारी को कार्यवाहक पदभार दे रखा है. इसकी वजह से उच्च शिक्षा के स्टूडेंट्स, प्रतियोगी परीक्षा के अभ्यर्थियों और शोधार्थियों को मानक पुस्तकें नहीं मिल रही है. 8 अकादमियों में कला, संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय के अधीन हैं.
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