Barmer-Jaisalmer Lok Sabha Seat: देश के दूसरे सबसे बड़े लोकसभा क्षेत्र बाड़मेर-जैसलमेर सीट पर लोकसभा चुनाव 2014 में भारी सियासी घमासान तय माना जा रहा है, क्योंकि बाड़मेर-जैसलमेर सीट पर तीन-तीन दावेदारों ने ताल ठोंकते हुए पार्टी से टिकट मांगा है, जिससे कांग्रेस मुश्किल में पड़ गई है. हालांकि.भाजपा कैलाश चौधरी को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद कांग्रेस किसका नाम आगे करती है, यह देखना है.
बाड़ेमर-जैसलमेर सीट पर टिकट दावेदारों के बीच कांग्रेस ने अभी तक राजस्थान के किसी भी लोकसभा सीट के लिए अपने नहीं खोले हैं. विधानसभा चुनाव में कांग्रेस में घर वापसी कर चुके कर्नल सोनाराम चौधरी, प्रभा चौधरी, हरीश चौधरी, मानवेन्द्र सिंह जसोल, हेमाराम चौधरी और उम्मेदाराम बेनीवाल मुख्य दावेदारों में शामिल हैं.
पूर्व केंद्रीय मंत्री जसवंत सिंह के बेटे और पूर्व सांसद मानवेन्द्र सिंह जसोल भी इस सीट से एक बार फिर कांग्रेस का चेहरा हो सकते है. 2019 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस की टिकट पर मानवेन्द्र सिंह जसोल इसी सीट पर भाजपा के कैलाश चौधरी के सामने चुनाव लड़ चुके हैं. हालांकि मोदी लहर व नया चेहरा होने के कारण कैलाश चौधरी ने जीत हासिल की थी.
वहीं, बाड़मेर- जैसलमेर सीट पर आएलपी से उम्मेदाराम बेनीवाल भी चुनावी समर में उतर सकते है.पिछले विधानसभा चुनाव में उम्मेदाराम लगभग 910 वोट चुनाव हारे गए थे.इस बार वो आएलपी से टिकट की मांग कर रहे है. कयास यह भी लगाया जा रहा है कि आएलपी व कांग्रेस में गठनबंधन हो सकता है, लेकिन अभी तक यह केवल कयास मात्र है.
2023 विधानसभा चुनाव के बाद बाड़मेर और जैसलमेर की राजनीतिक चर्चाओं में शिव विधानसभा से निर्दलीय विधायक चुने गए रविंद्र सिंह भाटी के भी बाड़मेर-जैसलमेर सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने की अटकले हैं. भाजपा द्वारा उम्मीदवारों की पहली सूची जारी होने के बाद भाटी समर्थक सोशल मीडिया पर उनके निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कह रहे हैं.
हालांकि सांसद का चुनाव लड़ने को लेकर अभी तक भाटी की तरफ से कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन भाटी विधानसभा सहित हर मंच पर भाषण में बाड़मेर जैसलमेर बालोतरा को कोट करते आएं हैं. इससे माना जा रहा है कि कि रविंद्र भाटी बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट से निर्दलीय चुनाव में उतर जाएं तो आश्चर्य नहीं होगा.
ये भी पढ़ें-