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Naresh Meena Case: टोंक हिंसा के 17 दिन बाद समरावता पंहुचे प्रहलाद गुंजल, कहा- गांव में पुलिस की बर्बरता के निशान अब भी मौजूद

Samravata Violence: प्रहलाद गुंजल ने समरावता में पीड़ितों से मिलकर कहा कि एक महिला मेरे सामने दहाड़े मारकर रोते हुए बोली मैं उस दिन घर में थी. मेरा बेटा घर पर सो रहा था. पुलिस ने घर के अंदर आकर हमारे साथ मारपीट की.

Naresh Meena Case: टोंक हिंसा के 17 दिन बाद समरावता पंहुचे प्रहलाद गुंजल, कहा- गांव में पुलिस की बर्बरता के निशान अब भी मौजूद
समरावता में ग्रामीणों से घिरे कांग्रेस नेता प्रहलाद गुंजल.

Naresh Meena Case: राजस्थान में विधानसभा उपचुनाव के दिन टोंक की देवली उनियारा विधानसभा सीट के निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा द्वारा एसडीएम को थप्पड़ मारने की घटना और इसके बाद उनकी गिरफ्तारी से समरावता गांव में हिंसा फैली थी. इस हिंसा के 17 दिन बाद शनिवार को कांग्रेस नेता प्रहलाद गुंजल समरावता पहुंचे. टोंक हिंसा के सबसे अहम किरदार रहे नरेश मीणा प्रहलाद गुंजल के करीबी हैं. ऐसे में शनिवार को जब प्रहलाद गुंजल समरावता पहुंचे तो बड़ी संख्या में नरेश मीणा के समर्थक भी उनके आस-पास दिखे. समरावता में ग्रामीणों से बातचीत करने के बाद प्रहलाद गुंजल ने पुलिस की कार्यवाही पर सवाल उठाते हुए सरकार और कांग्रेस पार्टी के नेताओं से बात करते हुए आगामी दिनों में पंच-पटेलों की महापंचायत बुलाकर समरावता के ग्रामीणों और पुलिस द्वारा दर्ज प्रकरणों में गिरफ्तार लोगों को न्याय दिलाने की बात कही.

समरावता में फिरंगी राज जैसा पुलिसिया जुल्मः गुंजल

समरावता में ग्रामीणों से मुलाकात के बाद मीडिया से बात करते हुए कांग्रेस नेता प्रहलाद गुंजल ने कहा कि गांव में हिंसा और आगजनी के साथ पुलिस की बर्बरता के जो निशान जिंदा है, गाड़ियों के जले हुए ढेर, महिलाओं के टूटे हुए हाथ-पैर, आंसू गैस के गोलों के ढेर... वे सब इस बात की गवाही दे रहे हैं कि ऐसा जुल्म फिरंगी राज में पुलिस किया करती थी.

घर में घुसकर पुलिस ने महिलाओं से की मारपीट

गुंजल ने कहा कि लोकतंत्र में जनता की जान-माल व जीवन की रक्षा का दायित्व जिस पुलिस पर है, उस पुलिस ने ही लोगों के घरों के बाहर खड़ी गाड़ियों को जलाया. लोगों की प्रॉपर्टी को नुकसान पहुंचाया. घरों में घुसकर गाड़ियों, टीवी, सोफा सहित सामानों को तोड़ा. महिलाओं, पुरुषों, बच्चों किसी को भी नहीं बख्शा. यह जुल्म की दास्तान अंग्रेजों के राज की याद को ताजा कर रही है.

पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल ने समरावता में पीड़ितों से मिलकर व घटना की जानकारी लेने के बाद कहा कि एक महिला मेरे सामने दहाड़े मारकर रोते हुए बोली मैं उस दिन घर में थी. मेरा बेटा घर पर सो रहा था. पुलिस ने घर के अंदर आकर हमारे साथ मारपीट की. सामानों को तोड़ा व मेरे बेटे को उठाकर ले गए. मेरा बेटा आज भी जेल में है. 

किरोड़ी लाल और बेढ़म जी आपने क्या कियाः प्रहलाद

एक मां कहती है कि मेरे दो बेटे हैं, उनकी शक्ल देखे मुझे आज 15 दिन से भी ज्यादा हो गए हैं. गांव की माता-बहनों की दस्तानें अंग्रेजों के राज में हुए जुल्मों को ताजा कर रही हैं. गुंजल ने कहा कि कैबिनेट मंत्री किरोड़ी लाल जी मीणा व जवाहर सिंह बेढ़म भी गांव में आए थे, मैं उनसे पूछ रहा हूं कि समरावता के लोगों को न्याय दिलाने के लिए आपने क्या किया. 

लोगों ने छत से कूदकर बचाई जानः कांग्रेस नेता

गुंजल ने कहा कि लोगों ने घरों की छत से तालाब में कूद कर जान बचाई है. ग्रामीणों को अपनी मांग मनवाने के लिए मतदान का बहिष्कार करना पड़ा. क्या यह बहुत बड़ा अपराध हो गया था. लोकतंत्र में मतदान करना व न करना मतदाता का अपना अधिकार है. उन्होंने कहा बाद में भी सरकार ने ग्रामीणों की मांगों को उचित मानते हुए माना यदि समय रहते उनकी मांग सरकार द्वारा मान ली जाती तो शायद यह घटना ही नहीं घटती.

गुंजल ने कहा कि मैं शीघ्र ही प्रदेश अध्यक्ष जी से बात करूंगा कि लोगों को न्याय दिलाने के लिए क्या कुछ किया जाए. जैसे भी दिशा निर्देश प्रदेश अध्यक्ष जी से मिलेंगे आगे की रणनीति तय करेंगे.

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