विज्ञापन

बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम में पहली बार आएंगी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, फिर से उठने लगी वर्षों पुरानी मांग

स्थानीय लोगों को मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा मिलने का इंतजार है. राष्ट्रपति के कार्यक्रम के साथ ही यह आस एक बार फिर जग गई है. क्योंकि पहली बार किसी राष्ट्रपति का मानगढ़ धाम में कार्यक्रम होगा. 

बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम में पहली बार आएंगी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, फिर से उठने लगी वर्षों पुरानी मांग

Mangarh Dham: बांसवाड़ा स्थित मानगढ़ धाम में शुक्रवार 4 अक्टूबर को जनजाति विभाग की ओर से 'आदि गौरव समारोह' कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. इस कार्यक्रम में शिरकत करने के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू कुछ ही समय में बांसवाड़ा पहुंचने वाली हैं. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पहली बार लाखों आदिवासियों के आस्था के केंद्र स्थल मानगढ़ धाम (Mangarh Dham) पर पहुंचेंगी. राजनीति और सामाजिक समरसता के इस केंद्र पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और कई राज्यों के मुख्यमंत्री भी सभा को संबोधित कर चुके हैं. लेकिन स्थानीय लोगों को मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्मारक का दर्जा मिलने का इंतजार है. राष्ट्रपति के कार्यक्रम के साथ ही यह आस एक बार फिर जग गई है. क्योंकि पहली बार किसी राष्ट्रपति का मानगढ़ धाम में कार्यक्रम होगा. 

मानगढ़ धाम में 1500 से अधिक आदिवासियों ने दी थी शहादत

इस क्षेत्र का संबंध ऐतिहासिक आंदोलन से है. जब देश की आजादी के आंदोलन में सामाजिक कुरीतियां दूर करने और समाज में अलख जगाने के लिए गोविंद गुरु ने मुहिम छेड़ी थी. मानगढ़ धाम की पहाड़ी पर 100 साल पहले 'भगत आंदोलन' हुआ. यह आंदोलन आदिवासी समाज को जागरूक करने के लिए था, जो काफी कारगर रहा. जिसके चलते अंग्रेजों का सहारा लेकर इस भगत आंदोलन को कुचलने का प्रयास किया. इसके तहत 17 नवंबर 1913 को मानगढ़ धाम की पहाड़ी को अंग्रेजों ने चारों तरफ से घेर लिया और अंधाधुंध गोलीबारी की. जिसमें 1500 से अधिक आदिवासी शहीद हो गए. यह मानगढ़ धाम अब  राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र के जनजाति  समाज के लिए एक तीर्थ स्थान बन गया है.

सियासी मायनों में भी काफी अहम है यह धाम

जनजाति बाहुल्य इलाका होने के चलते दक्षिण राजस्थान में मौजूद यह स्थल सियासी मायनों में भी काफी खास है. बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ समेत प्रदेश के अन्य जनजाति बहुल क्षेत्रों के अलावा मध्य प्रदेश और गुजरात के आदिवासी समाज में भी मानगढ़ धाम का विशेष महत्व है. इसी को देखते हुए यहां कई बड़े राजनैतिक कार्यक्रम आयोजित होते हैं. दो साल पहले विश्व आदिवासी दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में राहुल गांधी सहित कांग्रेस के कई दिग्गज नेता शामिल हुए थे. वहीं, पिछले साल बीजेपी ने भी भव्य आयोजन किया था. जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ साथ कई राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्री शामिल हुए थे. क्षेत्र में वर्चस्व कायम करने में जुटी भारत आदिवासी पार्टी (बाप) भी भील प्रदेश की मांग पूरी होने पर मानगढ़ धाम को राजधानी बनाने का ऐलान कर चुकी है. 

यह भी पढ़ेंः राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का राजस्थान दौरा आज, उदयपुर-माउंट आबू और बांसवाड़ा में कार्यक्रम, देखें पूरा शेड्यूल

Rajasthan.NDTV.in पर राजस्थान की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार, लाइफ़स्टाइल टिप्स हों, या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें, सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Previous Article
Rajnagar Communal Tension: राजसमंद में उदयपुर जैसा तनाव, नाबालिग पर चाकूबाजी से बिगड़ा माहौल; पथराव के बाद गाड़ियां फूंकी
बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम में पहली बार आएंगी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, फिर से उठने लगी वर्षों पुरानी मांग
The construction work of the chhatri of former king of Bundi Rao Surajmal Hada will start on October 4
Next Article
बूंदी नरेश की छतरी तोड़े जाने का विवाद 13 दिन बाद सुलझा, बिरला की पहल के बाद बनी सहमति
Close