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This Article is From Dec 09, 2023

Rajasthan: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ने की जैसलमेर की हवेलियों की तारीफ, IAADB कार्यक्रम में कही ये बात

पटवों की हवेली के खंभे और छत पर उस समय के विशेषज्ञों द्वारा की गई आकर्षक और जटिल नक्काशी है. इसके दरवाजे बारीक डिजाइनों से भरे हुए हैं जो वास्तुकला के शौकीनों को बेहद पसंद आते हैं.

Rajasthan: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ने की जैसलमेर की हवेलियों की तारीफ, IAADB कार्यक्रम में कही ये बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो).

Rajasthan News: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने शुक्रवार को दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में अपने सम्बोधन के दौरान जैसलमेर की पटवा हवेली व उनकी 5 हवेलीयों के समूह की बनावट की तारीफ की. दिल्ली में इंडिया आर्ट आर्किटेक्चर एंड डिज़ाइन बिएननेल 2023 के उद्घाटन समारोह में बोलते हुए पीएम ने कहा, 'आप में से कुछ लोग जैसलमेर गए होंगे तो पटवा हवेली को देखा होगा. पटवा हवेली के समूह का आर्किटेक्टचर नेचुरल एयरकंडीशनर के रूप में काम करता है. इतना ही नहीं, यह आर्किटेक्टचर न केवल लॉग संस्टेनिग होता था, बल्कि एन्वयरमेंटली सस्टेनेबल भी होता है.'

हवेली बनाने में लगा 60 वर्ष का समय

गौरतलब है कि पटवा हवेली जैसलमेर के मुख्य पर्यटन स्थलों में से एक है. देश ही नहीं, बल्कि सात समंदर पार विदेशों से भी हर वर्ष लाखों सैलानी इसे निहारने आते हैं. पटवा हवेली 5 हवेलियों के समूह से मिलकर बनी हुई है. इसका निर्माण कार्य 1805 में गुमान चंद पटवा ने शुरू करवाया था और हवेलियों के इस समूह को बनकर तैयार होने में लगभग 60 वर्ष का समय लगा था. विश्व के पर्यटन मानचित्र में अपनी विशेष पहचान बना चुकी हवेली का पीएम द्वारा जिक्र करने से जैसलमेर के वाशिंदो में खुशी की लहर देखने को मिल रही है.

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जैसलमेर का एक प्रभावशाली स्मारक

पटवों की हवेली राजस्थान के जैसलमेर में स्थित एक प्राचीन आवास संरचना है जिसको अक्सर ‘हवेली' कहा जाता है. यह हवेली राजस्थान का एक प्रमुख पर्यटन और ऐतिहासिक स्थल है. पटवों की हवेली स्वर्णनगर की यात्रा करने वाले पर्यटकों को अपनी तरफ बेहद अकर्षित करती है. यह मनमोहक हवेली जैसलमेर का एक प्रभावशाली स्मारक है क्योंकि यह शहर के प्राचीन निर्माणों में से एक है. पटवों की हवेली पांच हवेलियों का समूह है जिसका निर्माण एक अमीर व्यापारी ‘पटवा' द्वारा किया गया है, जिसके अपने पांच बेटों में से प्रत्येक के लिए एक का निर्माण किया था. पटवा हवेली का निर्माण कार्य करवाने वाले सेठ गुमान चंद पटवा द्वारा एक प्रसिद्ध आभूषण और ब्रोकेस व्यापारी थे.

इन 5 हवेलियों की खासियत क्या है?

पटवों की हवेली पांच हवेलियों से मिलकर बनी है जो इसके परिसर के भीतर है और यह जैसलमेर शहर में अपनी तरह की सबसे बड़ी हवेली है. पहली हवेली, जिसे कोठारी की पटवा हवेली के नाम से जाना जाता है, यह इन हवेलियों में से एक है. यहां पर ब्रोकेड व्यापारिक प्रतिष्ठा के कारण पटवों की हवेली को अपने उत्कट व्यापारिक विशेषताओं की वजह से ‘हवेली ऑफ़ ब्रोकेड मर्चेंट्स' भी कहा जाता था. स्थानीय लोग पटवों की हवेली के चांदी और सुनहरे धागे व्यापारियों के बार में बताते हैं, जिन्होंने उस जमाने में अफीम तस्करी करके बहुत पैसा कमाया था.इन हवेलियों के भीतर मेहराब और प्रवेश द्वार की अपनी अलग खासियत है जो उन्हें एक-दूसरे से अलग करती हैं, प्रत्येक में एक अलग शैली का मिरर वर्क और चित्रों का चित्रण है. हवेलियों के खंडों में से एक में मूरल वर्क बहुत ही अद्भुद तरीके से डिज़ाइन किया गया है, और इसके झरोखे, मेहराब, बालकनियों, प्रवेश द्वार और दीवारों पर भी जटिल नक्काशी और पेंटिंग हैं.

हवाली के परिसर में संग्रहालय है, जिसमें बीते युग की कलाकृतियों, चित्रों, कला और शिल्प का शानदार प्रदर्शन देखने को मिलता है, जो समृद्ध जीवन शैली को प्रदर्शित करने के लिए हवेलियों के निवासियों का चित्रण करते हैं. पटवों की हवेली के खंभे और छत पर उस समय के विशेषज्ञों द्वारा की गई आकर्षक और जटिल नक्काशी है. इसके दरवाजे बारीक डिजाइनों से भरे हुए हैं जो वास्तुकला के शौकीनों को बेहद पसंद आते हैं.

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