
Conversion Law Implemented in Rajasthan: राजस्थान में धर्मांतरण कानून के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई है. शनिवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की मीटिंग में नए धर्मांतरण कानून के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. कैबिनेट मीटिंग के बाद मंत्री जोगाराम पटेल ने इस बात की जानकारी दी. धर्मांतरण बिल के कानून बनने के बाद प्रदेश में लव जिहाद और जबरन और बहला-फुसला कर किए गए धर्म परिवर्तन पर कठोर सजा दी जाएगी. मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि बजट सत्र में यह बिल लाया जाएगा. इस कानून के तहत जबरन धर्मांतरण पर 10 साल तक की जेल की सजा होगी. मंत्री ने बताया कि मर्जी से धर्म परिवर्तन करने पर 60 दिन पहले कलेक्टर को सूचना देनी होगी.
धर्मांतरण पर पर 3 से साल तक की सजा
प्रेस कॉफ्रेंस में मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि प्रदेश में धर्म परिवर्तन को लेकर लगातार शिकायत मिलती रहती है. इसके खिलाफ हम कानून बनाने जा रहे है. आज इसके प्रस्ताव को कैबिनेट से मंजूरी मिल गई. यदि कहीं भी लोभ लालच देकर धर्म परिवर्तन जैसी चीज सामने आती है तो ऐसा करने वालों के खिलाफ सरकार ने 3 से 10 साल तक की सजा का प्रावधान किया है.
अवैध रूप से धर्मांतरण के प्रयासों को रोकेगा यह कानूनः मंत्री
मंत्री जोगाराम पटेल ने बताया कि लालच या छलपूर्वक धर्मान्तरण के प्रयासों को रोकने के लिए “दि राजस्थान प्रोहिबिशन ऑफ अनलॉफुल कन्वर्जन ऑफ रिलीजन बिल-2024“ विधानसभा में लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि अभी राज्य में अवैध रूप से धर्मान्तरण को रोकने के सम्बन्ध में कोई विशिष्ट कानून नहीं है, इसलिए मंत्रिमण्डल की बैठक में विचार कर इसके प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया.
मंत्री ने आगे बताया कि इस विधेयक के कानून बनने के बाद कोई व्यक्ति या संस्था, किसी व्यक्ति को छल या बलपूर्वक, या कोई लालच देकर धर्म परिवर्तन नहीं करवा सकेंगे. अगर कोई व्यक्ति अथवा संस्था ऐसा कृत्य करते हैं, तो उन्हें कठोर दण्ड दिया जाएगा.
गैर-जमानती अपराध होगा धर्मांतरण
अगर कोई व्यक्ति विधि विरुद्ध धर्म परिवर्तन कराने के उद्देश्य से विवाह करता है, तो पारिवारिक न्यायालय ऐसे विवाह को अमान्य घोषित कर सकता है. इस विधि में अपराध गैर-जमानती व संज्ञेय होंगे. उन्होंने कहा कि अन्य कई राज्यों में जबरन धर्मान्तरण को रोकने के लिए पहले से ही कानून अस्तित्व में है.
देश के कई राज्यों में है धर्मांतरण कानून
मंत्री ने बताया कि राजस्थान से पहले कई राज्यों में धर्मांतरण कानून लागू है. मंत्री ने बताया कि उत्तरप्रदेश में 2021 में, मध्यप्रेदश में 2021 में, उत्तराखंड में 2018 में धर्मांतरण कानून लाया गया था. इसके अलावा झारखंड, कर्नाटक, गुजरात में ही यह कानून है. मंत्री ने बताया कि उड़ीसा में सबसे पहले 1967 में धर्मांतरण कानून लाया गया था.
यह भी पढ़ें - राजस्थान CM भजनलाल शर्मा की कैबिनेट मीटिंग में बड़ा ऐलान, भरतपुर और बीकानेर को विकास प्राधिकरण घोषित