![Rajasthan Budget Session 2025: राजस्थान में 403 भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई पेंडिंग, मंत्री ने विधानसभा में किया खुलासा Rajasthan Budget Session 2025: राजस्थान में 403 भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई पेंडिंग, मंत्री ने विधानसभा में किया खुलासा](https://c.ndtvimg.com/2025-02/88jjhf7o_kalicharan-saraf-and-gajendra-singh-khimsar_625x300_06_February_25.jpg?im=FeatureCrop,algorithm=dnn,width=773,height=435)
Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा के बजट सत्र (Rajasthan Budget Session) में गुरुवार को पूर्व भाजपा मंत्री कालीचरण सराफ (Kalicharan Saraf) ने एंटी करप्शन ब्यूरो द्वारा पिछले 3 साल में पकड़े गए भ्रष्ट अधिकारी/कर्मचारियों का डेटा सरकार से मांगा. साथ ही यह पूछा कि 31 दिसंबर 2024 तक कितने केस में ACB ने अभियोजन स्वीकृति के लिए सरकार से अनुरोध किया है, और उनका क्या स्टेटस है?
403 भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई पेंडिंग
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने पूर्व मंत्री को दिए गए लिखित जवाब को सदन में पढ़ते हुए बताया, '1 जनवरी 2022 से 31 दिसंबर 2024 तक राजस्थान एंटी करप्शन ब्यूरो ने कुल 1592 भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति मांगी है. इनमें से 1189 अधिकारियों के खिलाफ केस चलाने की अनुमति दी जा चुकी है. वहीं, 403 भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाही की स्वीकृति अब भी लंबित है.'
3 महीने के अंदर जवाब क्यों नहीं दिया, कहां देरी हुई?
इस जवाब को सुनकर कालीचरण सर्राफ ने कहा, 'प्रदेश के विजिलेंस कमिश्नर ने सभी विभागों के HOD को पत्र लिखकर अधिकतम 3 महीनों में अभियोजन स्वीकृति देने के आदेश दिए हुए हैं. तो फिर ये क्यों नहीं हुआ? देरी कहां हुई?
मंत्री ने बताया कहां और क्यों लगता है समय
इस सवाल का जवाब देते हुए मंत्री खींवसर ने कहा, 'अभियोजन की स्वीकृति से पहले डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन में समय लगाता है. मेन विभाग से समय लगाता है. कई बार कोर्ट से भी स्टे आ जाते हैं. कई कर्मचारी कॉन्ट्रेक्ट पर भी होते हैं. कई लोगों की डेथ भी हो जाती है. सीएम और चीफ सेक्रेट्री की रिव्यू भी लगातार चलती है. इन सभी वजहों से काम में देरी हो जाती है. 1592 में से 403 केस में अप्रूवल हेड ऑफ डिपार्टमेंट से पेंडिंग हैं. इसकी वजह है कि जितने भी गजेटेड ऑफिसर होते हैं, उनकी खिलाफ अभियोजन की स्वीकृति DOP की तरफ से दी जाती है, और नॉन गजेटेड ऑफिसर के केस में अप्रूवल HOD की तरफ से दिया जाता है.'
ये भी पढ़ें:- LIVE: राजस्थान विधानसभा में हंगामा, राज्यमंत्री ने नेता प्रतिपक्ष को दी कान खोलकर बैठने की सलाह