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राजस्थान के इन गांवों में 167 दिन से चल रहा है धरना, मांग न पूरी होने पर लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की दी धमकी

राजस्थान के एक गांव में ग्रामीण करीब 167 दिन से धरना दे रहे हैं. ग्रामीणों ने बताया कि कलेक्टर द्वारा 31 जनवरी और 6 फरवरी को 2 जांच कमेटियां बनाकर 7 दिन के रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए गए थे. लेकिन 40 दिन से अधिक का वक्त बीत जाने के बाद भी जांच नहीं हुई है.

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राजस्थान के इन गांवों में 167 दिन से चल रहा है धरना, मांग न पूरी होने पर लोकसभा चुनाव के बहिष्कार की दी धमकी
मांग पूरी न होने पर सदबुद्धि यज्ञ कराते ग्रामीणों की तस्वीर

Rajasthan News: जैसलमेर जिले के रामगढ़ सहित आस-पास के चार गांवों के ग्रामीण अक्टूबर से लेकर अब तक करीब 167 दिन से धरना दे रहे हैं. पिछले तीन दिन से तो इन ग्रामीणों ने क्रमिक अनशन भी शुरु कर दिया है. लेकिन अब तक प्रशासन और जन प्रतिनिधि उनकी सुध नही ले रहें. इस वजह से आज ग्रामीणों ने प्रशासन को जगाने के लिए सम्पूर्ण विधिविधान के साथ सदबुद्धि यज्ञ भी किया. वहीं मांगे न मानने की सूरत में लोकसभा चुनाव के मतदान के बहिष्कार की भी चेतावनी दी है.

ग्रामीणों की मांग है कि उपनिवेशन की जमीन को कुट रचित दस्तावेज लगाकर गलत तरीके से जो अलॉटमेन्ट हुआ है. उसे खारिज करने और ग्राम पंचायत में लम्बे अरसे से चल रही अनियमित्ताओ की निष्पक्ष जांच हो. इस संबंध में आज ग्रामीण ने सदबुद्धि यज्ञ कर तहसीलदार को कलेक्टर के नाम ज्ञापन भी सौंपा.

जांच में देरी करने का आरोप

ग्रामीणों की दोनों ही मांगो पर प्रशासन ने पहले ही संज्ञान लेकर जांच कमेटियों का गठन किया था. लेकिन अब तक दोनों ही मामलों में पूर्ण रूप से कार्रवाई नहीं हुई है. जिससे ग्रामीणों में रोष व्याप्त है. हालांकि उपनिवेशन विभाग की जमीन को कुट रचित दस्तावेजों से अलॉट करवाने के मामले में जांच कमेटी द्वारा कुछ जमीन के अलॉटमेंट को निरस्त भी करवाया गया है. वहीं ग्राम पंचायत रामगढ़ में जांच के लिए बनी टीम पर ग्रामीण धीमी गति से जांच का आरोप लगा रहे है.

ग्रामीणों ने बताया कि कलेक्टर द्वारा 31 जनवरी और 6 फरवरी को 2 जांच कमेटियां बनाकर 7 दिन के रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए गए थे. लेकिन 40 दिन से अधिक का वक्त बीत जाने के बाद भी जांच नहीं हुई है. जांच के लिए एक कमेटी जिला परिषद और एक कमेटी उपनिवेशन विभाग की बनाई गई है.

ग्राम पंचायत को उपनिवेशन विभाग द्वारा पूर्व में आबादी विस्तार के लिए करीब 500 बीघा जमीन आवंटित हो चुकी थी, जो आबादी के अनुसार पर्याप्त थी. लेकिन निजी लाभ के लिए 54 बीघा जमीन सेट अपार्ट की गई. जिसकी जांच की जानी चाहिए. ग्रामीणों ने बताया कि कलेक्टर द्वारा रोक के बावजूद भी व्यवसायिक भूखंडों पर किए गए कार्यों की जांच की मांग की है.

लोकसभा चुनाव में मतदान से बहिष्कार की धमकी

ग्रामीणों का कहना है कि पिछले करीब 6 महिने यानी 167 दिन से धरना प्रदर्शन, क्रमिक अनशन सहित तमाम जतन हमने कर लिए है और आज सदबुद्धि यज्ञ भी कर लिया. फिर भी अगर हमारी मांगो को ध्यान में रखकर समय रहते प्रशासन और जन प्रतिनिधि हम चारो गांवो के ग्रामीणों की सुध नही लेंगे तो हम आने वाले लोकसभा चुनाव के मतदान का भी बहिष्कार करेंगे.

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