क्या कभी आपके साथ ऐसा हुआ है कि आपका कोई सामान ऐसी जगह खो गया है जहां से हजारों लोगों का आना-जाना लगा हुआ है, और फिर वह खोया हुआ सामान आपको मिल भी गया हो? ऐसा कम ही देखने को मिलता है लेकिन अगर आपकी किस्मत अच्छी है तो आपको वह जरुर मिलेगा. ऐसा ही एक वाकया राजस्थान के जोधपुर में हुआ जहां एक ट्रेन यात्री का खोया पर्स उसे वापस मिल गया.
ट्रेन की बर्थ पर लावारिस पड़ा था पर्स
जोधपुर मंडल के सीनियर डीसीएम विकास खेड़ा ने बताया कि टीटीआई नरेश शर्मा और सुनील चौधरी शनिवार को ट्रेन 22421, दिल्ली सराय रोहिल्ला - जोधपुर सालासर एक्सप्रेस में टिकट चेकिंग कार्य कर रहे थे तब उन्हें कोच संख्या बी-1 में 18 नंबर सीट पर एक लेडीज पर्स मिला जो लावारिस था.
टीटीई ने चार्ट में देखकर ढूढ़ा पता
चार्ट में विवरण देखने पर पता चला कि सीट नूतन के नाम से दिल्ली सराय रोहिल्ला से मेड़ता रोड तक बुक थी. उधर महिला ने आरपीएफ के जरिए टीटीई से संपर्क साधा और उसके कहने पर पर्स जोधपुर में उसके परिजन को सुपुर्द कर दिया गया. पर्स में 6650 रुपए नकद,सोने का मंगलसूत्र, सोने की बाली व चांदी की पायजेब इत्यादि कीमती वस्तुएं थी. युवती के परिजनों ने रेल प्रशासन को धन्यवाद दिया.
टीटीई सामाजिक सारोकार का करते रहे हैं निर्वहन
उल्लेखनीय है कि जोधपुर मंडल पर कार्यरत अनेक टीटीई स्टाफ ने समय-समय पर टिकट चेकिंग के मूल कार्य के साथ-साथ सामाजिक सरोकार का निर्वहन करते हुए इस तरह के सराहनीय काम कर अपनी अमिट छाप यात्रियों पर छोड़ी है.
कोच में यात्रियों द्वारा भूले सामान को लौटाने के अलावा घर से बिना बताए निकली लड़कियों को आरपीएफ के सुपुर्द करना और ट्रेन में मिलने वाले लावारिस बच्चों को आरपीएफ के जरिए उनके परिवारों तक पहुंचाने के काम भी शामिल है। हालांकि समय-समय पर रेल प्रशासन द्वारा इन कर्मचारियों को सम्मानित किया जाता है मगर प्रोत्साहन में इजाफा करने की दरकार है.
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