
Rajasthan News: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए 'पनौती' और 'जेबकतरे' जैसे शब्द का इस्तेमाल करना कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भारी पड़ गया है. अब चुनाव आयोग ने इस बयान पर एक्शन लेते हुए राहुल गांधी को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है और 25 नवंबर तक उनसे जवाब मांगा है. इस नोटिस को लेकर राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने भी प्रतिक्रिया दी है.
सीएम गहलोत ने कहा, 'नोटिस का जवाब दिया जाएगा, और माकूल जवाब दिया जाएगा. यहां चुनाव प्रचार के दौरान 5 राज्यों के उनके मुख्यमंत्री और नेता लोग यहां आए हैं, उन्होंने क्या-क्या बोला है ये पता है. सभी को मालूम है कि वे क्या बोलकर गए हैं यहां पर. इतने नोटिस वही दे सकते हैं. नोटिस का जवाब दिया जाएगा.' आपको बता दें कि राहुल गांधी ने ये बयान राजस्थान में विधानसभा चुनाव के प्रचार के दौरान ही दिया था, जिसके बाद भारतीय जनता पार्टी ने इसकी शिकायत चुनाव आयोग से की थी. इसमें कहा गया था कि कांग्रेस के सीनियर नेता का इस तरह से बयान देना अशोभनीय है.
#WATCH जयपुर : राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, "नोटिस का जवाब दिया जाएगा। यहां चुनाव प्रचार के दौरान 5 राज्यों के उनके मुख्यमंत्री और नेता लोग यहां आए हैं, उन्होंने क्या-क्या बोला है ये पता है।" pic.twitter.com/YWlxpxiU3a
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 24, 2023
राहुल गांधी ने क्या कहा था?
राजस्थान में जब राहुल गांधी एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साध रहे थे, तो वहां मौजूद लोगों ने पनौती-पनौती चिल्लाना शुरू कर दिया. इसके बाद राहुल गांधी ने कहा, 'अच्छा भला हमारे लड़के वहां वर्ल्ड कप जीत जाते, लेकिन पनौती ने हरवा दिया.' हालांकि, कांग्रेस नेता ने पीएम मोदी का नाम नहीं लिया था. लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी नेता राहुल गांधी के बयान को लेकर बीजेपी नेताओं ने कार्रवाई की मांग की थी. बीजेपी महासचिव राधा मोहन दास अग्रवाल, ओम पाठक सहित पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने निर्वाचन आयोग को ज्ञापन भी सौंपा था.
ज्ञापन देकर लगाए आरोप
बीजेपी नेताओं ने ज्ञापन में मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के खिलाफ धोखाधड़ी, आधारहीन और अपमानजनक आचरण के लिए उचित कानूनी कार्रवाई करके तत्काल हस्तक्षेप किए जाने की मांग की थी. ज्ञापन में कहा गया है कि कांग्रेस नेताओं के बयान चुनावी माहौल को खराब कर देंगे. इससे सम्मानित व्यक्तियों को बदनाम करने के लिए अपशब्दों, आपत्तिजनक भाषा का उपयोग और झूठी खबरों को रोकना मुश्किल हो जाएगा. जिसके बाद चुनाव आयोग ने राहुल गांधी से कहा कि राजनीतिक प्रतिद्वंदी पर इस तरह के असत्यापित आरोप नहीं लगाए जा सकते.