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राहुल गांधी की सदस्यता 24 घंटे में समाप्त... कंवरलाल मीणा की 21 दिन बाद भी बरकरार, जूली ने कहा- एक देश में दो कानून कैसे

राहुल गांधी की सदस्यता 24 घंटे में समाप्त कर दी गई थी. कंवरलाल मीणा की सदस्यता 21 दिन बाद भी बरकरार है. टीकाराम जूली ने कहा एक देश में दो कानून कैसे हो सकते हैं.

राहुल गांधी की सदस्यता 24 घंटे में समाप्त... कंवरलाल मीणा की 21 दिन बाद भी बरकरार, जूली ने कहा- एक देश में दो कानून कैसे
कंवरलाल मीणा की सदस्यता पर टकरार

Rajasthan Politics: राजस्थान में अंता विधायक कंवरलाल मीणा ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कोर्ट में सरेंडर किया है. वहीं तीन साल की मिली सजा मामले में कंवरलाल मीणा के सरेंडर करने के बाद भी विधानसभा सदस्यता रद्द नहीं किये जाने के बाद कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने का फैसला किया है. जबकि इससे पहले कांग्रेस नेता इसी मामले में राज्यपाल और विधानसभा अध्यक्ष से मुलाकात कर चुके हैं. इस दौरान विधानसभा अध्यक्ष ने साफ किया था कि महाधिवक्ता से राय लेने के बाद ही कंवरलाल मीणा की सदस्यता पर फैसला लिया जाएगा.

बता दें कांग्रेस की ओर से कहा जा रहा है कि किसी भी विधायक को 2 साल से अधिक सजा होने पर उसकी सदस्यता समाप्त हो जाएगी. लेकिन इसके बावजूद कंवरलाल मीणा को 3 साल की सजा होने के बाद भी सदस्यता बरकरार है.

एक देश में दो कानून कैसे

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार संविधान की खुली अवहेलना कर रही है.  कंवरलाल मीणा को सजा हुए 21 दिन बीत चुके हैं, लेकिन सदस्यता रद्द नहीं हुई. दूसरी ओर राहुल गांधी की सदस्यता 24 घंटे में समाप्त कर दी गई थी. एक देश में दो कानून कैसे हो सकते हैं.

टीकाराम जूली ने कहा किया है कि वे इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में Contempt of Court यानी अवमानना याचिका दाखिल करेंगे. उनका कहना है कि जब सुप्रीम कोर्ट का आदेश स्पष्ट है कि दोषसिद्ध विधायक की सदस्यता स्वत: समाप्त होनी चाहिए, तो उसे लटकाना न्यायिक आदेश की अवहेलना है.

उन्होंने कहा कि यदि विधानसभा अध्यक्ष संवैधानिक दायित्व निभाने में असफल रहते हैं, तो कोर्ट की निगरानी में न्याय की उम्मीद बची है. हम अवमानना याचिका दाखिल कर इस देरी के खिलाफ न्याय की अपील करेंगे.

मामले को लटकाने और बचाने की साजिश

PCC चीफ गोविंद डोटासरा ने सरकार से सवाल किया कि जब सुप्रीम कोर्ट ने कंवरलाल मीणा की तीन साल की सजा को बरकरार रखा है, तो अब तक उनकी सदस्यता निरस्त क्यों नहीं की गई. उन्होंने आरोप लगाया कि स्पीकर जानबूझकर AG की रिपोर्ट का बहाना बनाकर मामले को लटकाने और बचाने की साजिश कर रही है.

डोटासरा ने कहा कि राजस्थान इस समय भीषण गर्मी, पानी और बिजली संकट से जूझ रहा है, लेकिन सरकार का कोई मंत्री या अधिकारी फील्ड में नहीं है. वहीं SI भर्ती को लेकर हमारी सरकार पर राजनीति करने वाले अब डेढ़ साल में कोई फैसला नहीं कर पाए हैं.

दरअसल, कंवरलाल मीणा को बीस साल पुराने मामले में एसडीएम पर पिस्टल तानने और सरकारी काम में बाधा डालने के मामले में तीन साल की सजा मिली है. कानून के अनुसार, दो साल या उससे अधिक की सजा पाने वाले जनप्रतिनिधियों की सदस्यता स्वत: समाप्त हो जाती है. आज उन्होंने कोर्ट में सरेंडर कर दिया है.

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