Rajasthan By-Election Congress defeat Reasons: राजस्थान की 7 सीटों पर हुए उपचुनाव में भाजपा 5 सीटों पर जीत हासिल कर चुकी है. वहीं कांग्रेस ने एक और एक सीट पर भारतीय आदिवासी पार्टी ने चुनाव जीता है. आपको बता दें कि इन सातों सीटों में से पहले 4 सीट कांग्रेस के पास थी और एक BJP बाकी 2 अन्य दलों के खाते में थी. इस उप चुनाव में कई सीटों पर चौंकाने वाले नतीजे सामने आए. जिनमें झुंझुनू, खींवसर, दौसा, रामगढ़ की सीटें शामिल है. इस चुनाव में कांग्रेस के हार के कई कारण हैं, जिसमें बड़ा कारण गलट टिकट वितरण भी था. ऐसा माना जा रहा है कांग्रेस टिकट वितरण के दौरान सांसदों पर निर्भर रही.
वहीं दूसरा बड़ा कारण चुनाव में मिस मैनेजमेंट और बूथ का मिस मैनेजमेंट भी है. तीसरा कारण कांग्रेस के बड़े नेता जैसे सचिन पायलट और अशोक गहलोत अन्य राज्यों में चुनाव प्रचार करने में व्यस्त थे, जिसकी वजह से उन्होंने यहां समय नहीं दिया. चौथा कारण कांग्रेस बागियों को मनाने में नाकाम रही जिसका नतीजा इस चुनाव में देखने को मिला. पाचवां कारण इंडिया गठबंधन का नहीं होना जिससे कांग्रेस को नुकसान झेलना पड़ा. इसका बड़ा उदाहरण खींवसर और सलूंबर विधानसभा सीट है.
कांग्रेस की हार के पांच बड़े कारण
1.स्थानीय नेताओं को छोड़कर सांसदों की राय को प्राथमिकता दी गई, जिसके चलते झुंझुनू देवली उनियारा सीट कांग्रेस के हाथ से निकल गई.
2. बिना गठबंधन के चुनाव लड़ने का फैसला भी हार का कारण माना जा रहा है. उदाहरण - खींवसर , चौरासी ,सलूंबर विधानसभा सीट जिसके चलते प्रत्याशी चयन में भी देरी हुई और इसी कारण कांग्रेस जमीनी स्तर पर आम कार्यकर्ताओं को जोड़ने में असफल रही.
3. कुछ सीटों पर स्थानीय मुद्दे हावी रहे और कांग्रेस का मूल वोट बैंक एससी और माइनॉरिटी ने कांग्रेस से दुरी बना ली.
4. रामगढ़ सीट पर हिन्दु-मुस्लिम वोटर का ध्रुवीकरण हुआ, जिसके चलते कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ा
5. कांग्रेस से बागी हुए नरेश मीणा के कारण भी पार्टी को नुकसान उठाना पड़ा, कुछ सीटों पर प्रत्याशियों के चयन का फैसला भी गलत साबित हुआ.
सांसद बृजेंद्र ओला का ओवरकॉन्फिडेंस
हार के बाद पीसीसी के गोविंद सिंह डोटासरा ने हार स्वीकार करते हुए कहा कि हम उपचुनाव के नतीजे को स्वीकार करते हैं. झुंझुनू के सवाल को लेकर उन्होंने कहा कि सांसद बृजेंद्र ओला ने मीटिंग में कहा कि आप 6 सीटों की चिंता कीजिए, इस एक सीट को मेरे हवाले छोड़ दीजिए. इस सीट पर कांग्रेस सांसद बृजेंद्र ओला के बेटे अमित ओला ने भाजपा के राजेंद्र भांबू के सामने चुनाव लड़ा. जहां अमित ओला करीब 42848 मतों से चुनाव हारे हैं.
झुंझुनू के नतीजों के बाद अब यह सवाल उठ रहा है कि आखिर क्यों कांग्रेस नेताओं को सांसद बृजेंद्र ओला ने इस सीट पर प्रचार से दूर रखा, बताया जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से प्रचार के लिए समय भी मांगा गया था, लेकिन समय नहीं दिया गया. ऐसे में कांग्रेस को इस सीट पर उपचुनाव में बड़ा नुकसान उठाना पड़ा.
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