
Rajasthan News: राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने हाल ही में फ्रांस की राजधानी पेरिस की यात्रा की. इस दौरान उन्होंने फ्रांस की नेशनल असेंबली का दौरा किया और वहां के सांसदों से गहन चर्चा की. उनकी यह यात्रा भारत और फ्रांस के बीच दोस्ती को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रही. उन्होंने फ्रांस की संस्कृति, संसदीय व्यवस्था और सामाजिक विविधता को करीब से समझा.
नेशनल असेंबली का दौरा और सांसदों से मुलाकात
देवनानी ने फ्रांस की नेशनल असेंबली का अवलोकन किया और भारत-फ्रांस संसदीय मैत्री समूह के अध्यक्ष थिएरी टेशन से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक सहयोग के विचारों को साझा किया. उन्होंने बताया कि भारत और फ्रांस के बीच रक्षा, परमाणु ऊर्जा, साइबर सुरक्षा और अंतरिक्ष विज्ञान जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ रहा है.
शिक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर जोर
देवनानी ने बताया कि फ्रांस में 10,000 भारतीय छात्र पढ़ाई कर रहे हैं और अब इसे बढ़ाकर 30,000 करने का लक्ष्य है. उन्होंने 1789 की फ्रांसीसी क्रांति के मूल्यों- स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे को भारत के स्वतंत्रता संग्राम और संविधान से जोड़ा. उन्होंने फ्रांस की धर्मनिरपेक्षता (Laïcité) और विभिन्न धर्मों के बीच सामंजस्य की सराहना की.
रक्षा और तकनीकी सहयोग में नई ऊंचाइयां
देवनानी ने बताया कि अप्रैल 2025 में भारत 26 राफेल लड़ाकू विमानों का नया सौदा करेगा, जो दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को दर्शाता है. संयुक्त सैन्य अभ्यास से दोनों देशों की सेनाएं और मजबूत हो रही हैं. इसके अलावा स्मार्ट सिटी, डिजिटल तकनीक, पर्यावरण और स्टार्टअप्स के क्षेत्र में हुए समझौते भारत की तकनीकी प्रगति को वैश्विक मंच पर ले जा रहे हैं.
परमाणु ऊर्जा और हरित भविष्य की पहल
उन्होंने फ्रांस के साथ छोटे मॉड्यूलर रिएक्टर्स और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के क्षेत्र में सहयोग पर जोर दिया. ये प्रयास हरित ऊर्जा और भविष्य की ऊर्जा सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं. साथ ही इंडो-पैसिफिक कॉरिडोर और पर्यावरणीय पहलों में दोनों देश मिलकर काम कर रहे हैं.
फ्रांस की संसदीय व्यवस्था का अध्ययन
देवनानी ने फ्रांस की सेमी-प्रेसीडेंशियल व्यवस्था, जिसमें राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री की अहम भूमिका है, को समझा. उन्होंने नेपोलियन सिविल कोड आधारित न्यायिक ढांचे और मुक्त चुनाव प्रणाली की तारीफ की. फ्रांसीसी सांसदों, शिक्षाविदों और प्रवासी भारतीयों से मुलाकात ने इस यात्रा को और खास बनाया.
भारत-फ्रांस मैत्री का मजबूत आधार
देवनानी ने कहा कि 1998 से शुरू हुई भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी अब और मजबूत हो चुकी है. इस यात्रा ने न केवल राजस्थान की सांस्कृतिक पहचान को वैश्विक मंच पर पेश किया, बल्कि दोनों देशों के बीच सहयोग को नई दिशा दी. उनकी यह यात्रा भारत-फ्रांस दोस्ती को और गहरा करने का एक प्रेरक कदम है.
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