
Rajasthan: राम मंदिर में गंगाजल छिड़कने वाले पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा को कठोर दंड मिल सकता है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने संकेत दिए हैं. भाजपा कार्यालय में प्रेस वार्ता के दौरान मदन राठौड़ ने संगठन के उद्देश्यों को रेखांकित करते हुए कहा कि डबल इंजन की सरकार ने राजस्थान में विकास कार्यों को गति दी है. केंद्र सरकार और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ जन-जन तक पहुंच रहा है.
"भेदभाव बर्दाश्त नहीं करूंंगा"
इसी दौरान मदन राठौड़ ने राम मंदिर में गंगाजल छिड़कने के विवाद में पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा को दंडित किए जाने के संकेत दिए. पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, "भाजपा सदस्य बनने की पहली शर्त यही है कि मैं किसी भी तरह की अस्पृश्यता बर्दाश्त नहीं करूंगा. लिंग, जाति और धर्म का भेदभाव नहीं करूंगा."
"गलत करने वालों को मिलेगा दंड"
उन्होंने कहा, "किसी व्यक्ति ने जो कुछ भी गलत काम किया, उस पर तत्काल कदम उठाते हुए निलंबित किया गया और जवाब मांगा गया. जो जवाब आया, उसे अनुशासन समिति को सौंप दिया गया है. जो गलत काम करेगा, उसे दंडित किया जाएगा, लेकिन उससे पहले प्रक्रिया पूरी करनी होती है." राठौड़ ने आहूजा के जवाब का भी उल्लेख करते हुए कहा कि उनका कहना था कि वह जाति को लेकर भेदभाव नहीं करते.

टीकाराम जूली के दर्शन के बाद पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा ने गंगाजल छिड़का था. (फाइल फोटो)
जानें क्या है पूरा मामला
रामनवमी के अवसर पर 6 अप्रैल को अलवर की एक सोसाइटी में श्रीराम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा का आयोजन हुआ था. इसमें राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली भी शामिल हुए थे और मंदिर में पूजा-अर्चना की थी. अगले दिन ज्ञानदेव आहूजा ने आपत्ति जताई और कहा कि ऐसे लोगों को बुलाया गया जिन्होंने भगवान श्रीराम के अस्तित्व को ही नकारा है. उन्होंने यह भी कहा कि "मंदिर में अपवित्र लोग आ गए थे, इसलिए हमने गंगाजल से शुद्धिकरण किया."
इसके बाद भाजपा ने ज्ञानदेव आहूजा को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कहा कि उन्होंने पार्टी की मूल विचारधारा और अनुशासन का उल्लंघन किया है. इसी कारण उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया गया.
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