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"जब SIR प्रक्रिया को नहीं मानते हैं तो पार्टी कार्यकर्ता को प्रशिक्षण क्यों दे रहे?", बीजेपी प्रभारी का कांग्रेस से सवाल

Rajasthan Politics: उन्होंने कहा कि एसआईआर तो कांग्रेस के राज में भई हुई. अगर लोकतंत्र के लिए SIR अच्छा नहीं था, उन्होंने क्यों करवाया?

"जब SIR प्रक्रिया को नहीं मानते हैं तो पार्टी कार्यकर्ता को प्रशिक्षण क्यों दे रहे?", बीजेपी प्रभारी का कांग्रेस से सवाल
राजस्थान बीजेपी के प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल

Rajasthan BJP in-charge Radha Mohan Das Agarwal: बीजेपी के प्रदेश प्रभारी राधा मोहन दास अग्रवाल आज (28 नवंबर) जोधपुर पहुंचे. मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि लोकतंत्र शुद्ध हो, पवित्र हो और पारदर्शी हो, इसके लिए एसआईआर (SIR) प्रक्रिया जरूरी है. साल 2003-04 के बाद से यह प्रक्रिया 11 से 12 हुई और अधिकांश समय कांग्रेस के समय में ही हुई. प्रभारी ने कांग्रेस पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि अगर लोकतंत्र के लिए SIR अच्छा नहीं था, उन्होंने क्यों करवाया. तब किसी विपक्षी दल ने इसका विरोध कभी नहीं किया. आज अगर इस प्रक्रिया में SIR हो रहा है तो उनकी आपत्ति का आधार क्या है?

बीजेपी प्रभारी के आरोप- कांग्रेस राज में फर्जी नाम जोड़े

बीजेपी प्रभारी ने आरोप लगाए, "कांग्रेस के 20 साल के लंबे कार्यकाल में मतदाता सूची में गलत नाम जोड़े गए. अब उन्हें (कांग्रेस) डर लग रहा है कि पारदर्शी तरीके से BLO घर-घर जाकर नाम चेक करेंगे. वह सारे फर्जी नाम निकाल दिए जाएंगे. बिहार में 20 लाख मृतकों के नाम थे. उनके नाम पर वोट पड़ते रहते हैं. 23 लाख लोग ऐसे थे, जो कहीं चले गए. करीब 22 लाख डुप्लीकेट नाम थे."

अग्रवाल ने कहा कि बिहार में कितनी शांति से चुनाव हो गया. अब आप बंगाल में वीडियो और फोटो देख रहे होंगेय. एसआईआर शुरू हुआ है और बड़ी संख्या में बांग्लादेशी भारत और बंगाल छोड़कर भाग रहे हैं. यह साबित हो रहा है कि SIR देश के लिए कितना जरूरी है.  

कांग्रेस से पूछा- BLA क्यों बनाए?  

उन्होंने कहा कि कांग्रेस के लोग कहते हैं कि 52 हजार बूथों पर हमने बूथ लेवल एजेंट (BLA) बना दिए. जब बीएलओ (BL0) को नहीं मानते तो बीएलए क्यों बना दिए? कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा, "SIR की प्रक्रिया में अपने कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण दे रहे हैं और उसमें हिस्सेदारी भी कर रहे हैं. SIR के खिलाफ आंदोलन भी कर रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने कह दिया कि यह चुनाव आयोग का अधिकार है कि वह तय करें, जो कागज उसके सामने आए कि वह जांच करें. इसमें किसी के आपत्ति होने का कोई मतलब नहीं है, यह राजनीतिक विरोध सनकी है. जनता उसको जानती है और जनता उनके साथ नहीं है."

वकील अभिषेक मनु सिंघवी द्वारा प्रक्रिया में अध्यापकों को शामिल करने पर सवाल उठाए जाने के मामले पर भी पलटवार किया. राधा मोहनदास अग्रवाल ने कहा कि अभिषेक मनु सिंघवी के बारे में बेहतर तरीके से आप लोग जानते होंगे, मुझे किसी को बताने की जरूरत नहीं है.

गहलोत पर बोले- कुछ तो लोग कहेंगे 

हाल ही में पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने बयान दिया था कि सरकार नाम की कोई चीज नहीं है. इस मामले पर राधा मोहन दास अग्रवाल ने कहा कि गहलोत के जमाने में दोनों मित्र आपस में कुश्ती किया करते थे. पूरे 5 साल उनकी आपस की लड़ाई में चले गए. गहलोत पर कटाक्ष करते हुए कहा कि उनकी सरकार अच्छी चल रही थी, इसलिए जनता हमें लेकर आई. कुछ तो लोग कहेंगे उनका काम है कहना.

मंत्रिमंडल विस्तार मेरा विषय नहीं- अग्रवाल

पत्रकारों द्वारा जब मंत्रिमंडल विस्तार से जुड़ा सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह हमारा विषय नहीं है. साथ ही बीजेपी कार्यकारिणी में जोधपुर के किसी व्यक्ति का नाम नहीं होने पर कहा कि हमारे पास अभी कई पद हैं और कई मोर्चे हैं. पार्टी अध्यक्ष ने जो टीम बनाई है, समझकर बनाई है. जो लोग बचे हैं, उन्हें भविष्य में मौका मिलेगा. 

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