
Rajasthan News: गुजरात के केवड़िया में भाजपा सांसदों और विधायकों के तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर के दूसरे दिन (06 मई 2025) को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का अनुशासित अंदाज चर्चा में रहा. तीनों सत्रों में उन्हें मंच पर बैठने का आग्रह किया गया, लेकिन वे साधारण विधायक की तरह पीछे की पंक्तियों में बैठे रहे. इस दौरान प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करते हुए सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि पीएम मोदी ने 2014 के बाद सुशासन से राजनीति की अवधारणा बदलकर राजनीतिक दलों और नेताओं को सोचने पर मजबूर कर दिया है. हमारी प्राथमिकता में पहले राष्ट्र हित, फिर पार्टी हित और अंत में स्वहित आता है, जबकि कांग्रेस राजनीतिक चश्मे से देखकर काम करती है.
'कांग्रेस ने अपने विचारों को ही छोड़ दिया'
भाजपा सांसदों और विधायकों के तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि कांग्रेस ने अपनी संस्कृति और विचारों को भी छोड़ दिया है. यह प्रशिक्षण स्थल वह स्थान है, जहां लौह पुरूष सरदार वल्ल्भ भाई पटेल ने देश की अखण्डता और एकता की अलख जगाई थी. सीएम भजनलाल ने आगे कहा कि राजस्थान को पानी और बिजली के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए हमने कई कदम उठाए है.
पानी की पर्याप्त उपलब्धता के लिए राम जलसेतु लिंक परियोजना और यमुना जल समझौते के लागू करने की कार्रवाई शुरू करने के साथ ही सोम-कमला-अंबा परियोजना, जवाई परियोजना व देवास परियोजना के विकास का काम हाथ में लिया गया है. प्रदेश को ऊर्जा क्षेत्र में सरप्लस स्टेट बनाने के लिए हमने केंद्रीय पीएसयू के साथ 2 लाख 50 हजार करोड़ रुपये से अधिक के एमओयू कर उन्हें धरातल पर उतारने का काम भी शुरू कर दिया है.

'5 साल में बनेंगी 53 हजार KM सड़कें'
राजस्थान में पीएम कुसुम योजना के तहत लगभग 1000 मेगावाट से अधिक क्षमता के ग्रिड कनेक्टेड विकेन्द्रित सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित कर लिए गए हैं. इस कारण हम लगभग 63 हजार से अधिक किसानों को खेती के लिए दिन में बिजली दे पा रहे हैं. प्रशिक्षण शिविर में मुख्यमंत्री भजनलाल ने कहा कि हमारी सरकार के 5 साल के इस कार्यकाल में 53 हजार किलोमीटर सड़क नेटवर्क तैयार करने में 60 हजार करोड़ रुपये व्यय किये जाएंगे.
उन्होंने कहा कि गांवों में अटल पथ, 9 ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे, रिंग रोड और ब्रिज निर्माण से सड़कों का एक मजबूत नेटवर्क तैयार किया जा रहा है. सार्वजनिक यातायात को बेहतर बनाने के लिए इस राज्य बजट में 1,000 बसें उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा जयपुर में मेट्रो सेवा के विस्तार के लिए डीपीआर तैयार कर ली गई और केंद्र सरकार के साथ ज्वॉइंट वेंचर कंपनी बना ली गई है.
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