
Rajasthan Politics: राजस्थान में बीते कुछ समय से सत्ता से लेकर संगठन में बदलाव को लेकर सियासी अटकलें काफी जोर पकड़े हुए हैं. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और वसुंधरा राजे के दिल्ली दौरे ने सियासी अटकलों को और हवा देना काम किया है. प्रदेश में काफी समय से मंत्रिमंडल विस्तार की भी चर्चाएं चल रही है. पिछले कुछ दिनों में राजस्थान से कई नेता दिल्ली में बीजेपी शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात कर चुके हैं. अब बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ राजस्थान में सत्ता और संगठन के बदलाव को लेकर बड़ा बयान दिया है.
'मंत्रियों को संगठन में लेने पर विचार'
दरअसल, हाल ही में मदन राठौड़ से संगठन के विस्तार को लेकर सवाल किया गया था, जिस पर उन्होंने कहा था कि हम तो कई मंत्रियों को संगठन में लेने की सोच रहे हैं. सत्ता से संगठन में और संगठन से सत्ता में जा सकते हैं. संगठन ही सत्ता बनाता है. मदन राठौड़ के इस बयान के बाद राजनीतिक के जानकारों ने इसे प्रदेश में संगठन को और मजबूत करने और नई कार्यकारिणी के घोषणा से जोड़ा.
'समिति के चुनाव की प्रक्रिया में हैं'
इसके बाद जब फिर से उनसे प्रदेश कार्यकारिणी पर पत्रकारों ने सवाल किया तो मदन राठौड़ ने कहा कि हमारे यहां एक परंपरा है. नीचे लेवल से बूथ समिति का गठन होता है. उसके बाद मंडल समिति का गठन होता है. फिर जिले का चुनाव होता है, जिले की समिति का गठन होता है, हम उसकी प्रक्रिया में हैं. जैसे मंडल समिति का गठन होता है तो जिलाध्यक्ष को तीन-तीन नाम भेजते हैं और उसमें से चयन करता है.
'दिल्ली में नेतृत्व निर्णय लेगा'
ऐसे ही हमने भी हमारी समिति के लिए एक-एक पद पर तीन-तीन नाम भेज दिए हैं. अब दिल्ली में नेतृत्व उस पर जो भी निर्णय लेगा, उसका काम है. हमको को कोई तकलीफ नहीं है, हमारा काम चल रहा है. सारे कार्यक्रम हम कर रहे हैं. हमारे यहां कोई कमी नहीं है, सिपाही को जिस मोर्चे पर भेजा जाएगा, वहां पर वह अपना दायित्त निभाएगा. एक भी कार्यकर्ता को खाली नहीं छोड़ेंगे, सबको काम पर लगाया जाएगा. मोर्चे बदलते रहते हैं.
संगठन से सत्ता और सत्ता से संगठन
राज्य सरकार में निष्क्रिय मंत्री पद को संगठन में भेजने के सवाल पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि हमारे यहां अगर संगठन में जरूरत पड़े तो हम मंत्री को भी संगठन में ले सकते हैं. यदि हमको ऐसा लगेगा कि इस मंत्री को संगठन में यहां पर उपयोग में लेना है तो मांग लेंगे. जिसका भी संगठन में उपयोग लगता है तो वह संगठन का दायित्व देखे. जिसका सत्ता में उपयोग लगता है कि योजनाएं बनाने में पारंगत है या योजनाओं के क्रियान्वयन में उपयोगी है तो उसको वहां पर लगाएंगे.
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