Rajasthan Budget Session 2025: राजस्थान विधानसभा में टोडाभीम से कांग्रेस विधायक घनश्याम ने प्राइवेट स्कूल में एडमिशन लेने वाले बच्चों की संख्या के बारे में पूछा. साथ ही स्कूलों को किए गए भुगतान के बारे में पूछा. सदन में घनश्याम ने कहा कि कई स्कूलों से शिकायत आ रही है कि प्राइवेट स्कूल को सरकार ने पेमेंट नहीं किया, जिसकी वजह से स्कूलों ने एडमिशन लेना बंद कर दिया. क्या ऐसे स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे. इस पर शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने जवाब दिया.
900 करोड़ रुपए आरटीई के तहत किया भुगतान
शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि राजस्थान की वर्तमान सरकार ने 900 करोड़ रुपए सरकार ने आरटीई के तहत दिया है. पिछली सरकार ने भुगतान नहीं किया था. 2018, 2019, 2020, 2021, 2022 और 2023 का भुगतान नहीं किया था. हमने ये भुगतान किया है. उसका भी भुगतान कर रहे हैं. इसके बाद कांग्रेस विधायक घनश्याम ने सवाल पूछा कि कौन-कौन से बच्चे हैं, क्या प्राइवेट स्कूल ने आकंड़े दिए हैं. मदन दिलावर ने जवाब दिया कि यह अव्यवाहरिक है.
"आरटीई के नाम पर स्कूलों में हो रहा फर्जीवाड़ा"
कांग्रेस विधायक ने कहा कि आरटीई के नाम पर फर्जीवाड़ा हो रहा है. बच्चे वहां है ही नहीं. प्राइवेट स्कूल बच्चों का नाम दर्ज कर लेते हैं. लेकिन, बच्चे वहां हैं ही नहीं. इसके जवाब में शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि इसकी निरंतर समीक्षा होती है. सीबीओ इसे सत्यापित करता है. जांच और सत्यापन होने के बाद बच्चों का एडमिशन होता है. ये जरूर होता है कि बच्चों का परसेंट कम हो सकता है. ये जो कर रहे हैं वो होता नहीं है.
25 फीसदी बच्चों को फ्री में शिक्षा
शिक्षा के अधिकार अधिनियम (Right to education) के तहत निजी स्कूलों में 24 फीसदी स्टूडेंट्स को प्राइवेट स्कूल में फ्री में शिक्षा दी जाती है. नर्सरी से पहली कक्षा से एडमिशन प्रक्रिया शुरू होती है. एक बार एडमिशन होने के बाद 12 कक्षा तक स्टूडेंट फ्री में शिक्षा दी जाती है. इन स्टूडेंट की फीस प्राइवेट स्कूलों को राज्स सरकार देती है. सरकार राशि तय कर रखी है. उसका भुगतान सीधे स्कूलों को दिया जाता है.
यह भी पढ़ें: मंत्री ओटाराम देवासी देने लगे जवाब तो सदन में हुआ हंगामा, विपक्ष बोला- किरोड़ी लाल मीणा को बुलाइए