
Rajasthan News: राजस्थान के उदयपुर से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां पर सरकारी शिक्षकों की ड्यूटी भेड़ निष्क्रमण कार्य में लगा दी गई. शिक्षकों की ड्यूटी लगाने का आदेश जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय की तरफ से जारी किया गया. जब आदेश का विरोध हुआ और मामला ऊपर तक पहुंचा तो तुंरत शिक्षा मंत्री मदन दिलावर एक्शन में आए. शिक्षा मंत्री ने तुरंत आदेश को निरस्त करने के निर्देश दिए. साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में नहीं लगाया जाना चाहिए. यह पूरी तरह से अनुचित है.
8 शिक्षकों की लगाई थी ड्यूटी
दरअसल, 30 जून 2025 को उदयपुर के अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट (शहर) वार सिंह ने एक आदेश जारी किया था. जिसमें बताया कि भेड़ निष्क्रमण और नियमन वर्ष 2025-26 से जुड़े कार्यों के लिए नियन्त्रण कक्ष स्थापित किया गया है. इसमें जुलाई महीने से अग्रिम आदेशों तक कार्मिकों और सहायक कर्मचारी की सेवाएं तुरंत प्रभाव से इस कार्यालय के न्याय अनुभाग में अधिग्रहित की जाती है. इसके लिए कुल 10 कर्मचारियों को ड्यूटी लगाई है, जिसमें से 8 शिक्षक शामिल थे.
शिक्षक संगठनों ने किया विरोध
इसके बाद शिक्षक संगठन इस आदेश के विरोध में उतर आए और आदेश को निरस्त करने की मांग की. राजस्थान पंचायती राज और माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह चौहान ने बताया कि विद्यालयों में हाल ही में नया सत्र शुरू हुआ है. बालक पढ़ना चाहता है, और शिक्षक बालकों को पढ़ाना, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में लगाकर विद्या विरोध में उतर गए हैं.

मदन दिलावर ने आदेश निरस्त करने के दिए निर्देश
जब आदेश विरोध हुआ और मामला शिक्षा मंत्री क पहुंचा तो मदन दिलावर तुरंत हरकत में आए और उन्होंने उदयपुर जिला प्रशासन की ओर से सरकारी शिक्षकों की ड्यूटी भेड़ निष्क्रमण कार्य में लगाए जाने को अनुचित बताते हुए उसे तत्काल प्रभाव से निरस्त करने के निर्देश दिए हैं. दिलावर ने जिला कलेक्टर, उदयपुर को निर्देशित किया है कि इस तरह के आदेश भविष्य में जारी न हों और जिन शिक्षकों की ड्यूटी भेड़ निगरानी में लगाई गई है, उन्हें तुरंत मुक्त किया जाए.
यह भी पढे़ं-
राजस्थान: कांग्रेस की रैली में लगे पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे? बाड़मेर पुलिस ने बताई सच्चाई